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क्या कोरोना के कारण एक बार ​फिर लग सकता है लॉकडाउन? सख्त पाबंदी लगाई  

दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में कोविड-19 तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर बड़ी संख्या में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. तीसरी लहर थमने के बाद जो पाबंदिया हटाई गई थीं, अब उन्हें दोबारा लागू किया जाने लगा है.

Updated on: 19 Apr 2022, 04:41 PM

highlights

  • स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 24 घंटे में कोरोना के 1,247 मामले सामने आए हैं
  • 501 मामले दिल्ली से आए हैं, यानि हर दूसरा संक्रमित दिल्ली मिल रहा है
        

नई दिल्ली:

देश में कोरोना (Coronavirus) के मामलों ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR)  के इलाकों में कोविड-19 (Covid-19)  तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर बड़ी संख्या में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. तीसरी लहर थमने के बाद जो पाबंदिया हटाई गई थीं, अब उन्हें दोबारा लागू किया जाने लगा है. कोरोना के हालातों पर बुधवार को डीडीएमए की बैठक भी होने वाली है. इसमें कुछ पाबंदियों पर फैसला हो सकता है. दरअसल, सबसे ज्यादा मामले दिल्ली-एनसीआर में सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 24 घंटे में कोरोना के 1,247 मामले सामने आए हैं. इनमें से 501 मामले दिल्ली से आए हैं, यानि हर दूसरा संक्रमित दिल्ली मिल रहा है.    

राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर के क्षेत्रों में बढ़ते कोरोना  के मामले को देखते हुए यूपी की योगी सरकार (Yogi Government)  ने लखनऊ सहित सात जिलों में मास्क को जरूरी कर दिया है. जिन जिलों में मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है, उनमें लखनऊ के अलावा गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़ मेरठ, बुलंदशहर और बागपत शामिल हैं. 

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कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद से एक अप्रैल से ही यूपी में सार्वजनिक स्थानों में मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है. मास्क न  पहनने पर जर्माने का प्रावधान है. सीएम योगी ने अधिकारियों को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करवाने का आदेश दिया है. 

क्या दिल्ली में लगेगा लॉकडाउन

दिल्ली में कोरोना से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. यहां संक्रमण दर में आठ फीसदी के करीब पहुंच गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पांच फीसदी से अधिक संक्रमण दर चिंताजनक स्थिति मानी जाती है. दिल्ली में तीन दिन से संक्रमण दर पांच फीसदी से ज्यादा है.  ऐसा ज्यादा दिन तक रहने पर रेड अलर्ट लागू कर दिया जाएगा. रेड अलर्ट के अनुसार पूर्ण लॉकडाउन की आशंका बढ़ जाती है. संक्रमण दर भले ही बढ़ रही हो, मगर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है.