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निजामुद्दीन में एक ही जगह 200 लोगों में कोरोना के संकेत, मौलाना के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश

दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. कई लोगों में कोरोना वायरस (coronavirus)के लक्षण दिखने के बाद सोमवार को पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है.

Updated on: 31 Mar 2020, 12:26 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. कई लोगों में कोरोना वायरस (coronavirus)के लक्षण दिखने के बाद सोमवार को पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. दरअसल इस इलाके में कुछ दिन पहले एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें 300-400 से ज्यादा लोगों ने शिरकत की थी. बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम बिना अनुमति के आयोजित किया गया था. अब इनमें COVID19 के लक्षण दिखने शुरू हो गए हैं.

दिल्ली सरकार ने पुलिस को मार्कज, निजामुद्दीन (Nizamuddin) के मौलाना के खिलाफ FIR दर्ज करने को कहा. मार्काज़ में एक धार्मिक सभा में 300-400 लोग शामिल हुए थे. COVID19 से संक्रमित होने की संभावना वाले निज़ामुद्दीन के 163 लोगों को दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

धार्मिक कार्यक्रम में शामिल एक मरीज की हुई मौत, रिपोर्ट का इंतजार

लोकनायक अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने बता कि कुल 174 ऐसे लोग हैं जिनकी कोविद-19 से ग्रस्त होने की संभावना है. जिसमें 163 मरीज निजामुद्दीन से हैं.निज़ामुद्दीन के संभावित रूप से संक्रमित कोविद-19 मरीज की कल की मृत्यु हो गई थी. रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

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निजामुद्दीन के एक इलाक ड्रोन के सहारे रखी जा रही है नजर

वहीं, निजामुद्दीन से1400 संदिग्ध लोगों को वहां से निकाला गया है जिन्हें आइसोलेशन में रखा जाएगा. निजामुद्दीन के एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी करके ड्रोन की मदद से निगरानी रखी जा रही है. इसके साथ ही यहां से लोगों को निकालकर बसों में भरकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.

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साउथ ईस्ट के डीसीपी आरपी मीणा ने कहा, 'हमने लॉकडाउन के दौरान (निजामुद्दीन में) एक धार्मिक सभा आयोजित करने के लिए नोटिस दिए हैं. मामले की जांच की जा रही है. बिना अनुमति के धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें 200से ज्यादा लोग शामिल हुए थे. ये सभी बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देशों के बताए जा रहे हैं.

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों के विरोध प्रदर्शनों के लिए एकत्र होने पर भी रोक लगा दी थी. इसके साथ ही कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए बुधवार से 21 दिन के लिए लोगों के आवागमन पर देशव्यापी रोक लगायी गई थी.