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लॉकडाउन के कारण दिल्ली में पहले से कम हो रहे हैं कोरोना टेस्ट : जैन

दिल्ली सरकार का यह भी कहना है कि कोरोना वैक्सीन के लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन अपॉइंटमेंट अनिवार्य किया है. यह प्रक्रिया सही नहीं है. सभी लोगों के पास न तो स्मार्टफोन है न सभी को अंग्रेजी आती है.

Updated on: 13 May 2021, 05:21 PM

highlights

  • दिल्ली में अब प्रतिदिन लगभग 70 से 80 हजार कोरोना टेस्ट हो रहे हैं
  • दिल्ली में अभी कोरोना रोगियों की संख्या में कमी आई

नई दिल्ली:

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में लॉकडाउन की वजह से कोरोना के प्रतिदिन होने वाले टेस्ट में कुछ कमी आई है. पहले एक लाख से अधिक कोरोना टेस्ट हो रहे थे. अब अधिक लोग बाहर नहीं निकल रहे, इसलिए दिल्ली में अब प्रतिदिन लगभग 70 से 80 हजार कोरोना टेस्ट हो रहे हैं. दिल्ली सरकार का यह भी कहना है कि कोरोना वैक्सीन के लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन अपॉइंटमेंट अनिवार्य किया है. यह प्रक्रिया सही नहीं है. सभी लोगों के पास न तो स्मार्टफोन है न सभी को अंग्रेजी आती है. इसीलिए वैक्सीन लगाने का तरीका और जिम्मेदारी राज्यों को दी जानी चाहिए. दिल्ली सरकार के मुताबिक कई लोग झुग्गी बस्तियों में रहते हैं. इनमें से कुछ के पास स्मार्टफोन नहीं है. वहीं अधिकांश लोगों को अंग्रेजी नहीं आती जिसके कारण वे ऑनलाइन जाकर वैक्सीन लगवाने का अपॉइंटमेंट नहीं ले पा रहे हैं. ऐसे लोगों की सुविधा एवं सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए.

दिल्ली सरकार का कहना है कि फिलहाल दिल्ली में वैक्सीन की कमी की वजह से हमें 100 से अधिक वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने पड़े हैं. दिल्ली में अभी कोरोना रोगियों की संख्या में कमी आई है जिससे हालात बेहतर हुए हैं और अस्पतालों में फिलहाल ऑक्सीजन की कमी नहीं है. दो भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन के अलावा भारत में रूस की स्पूतनीक वैक्सीन को भी मंजूरी दी जा चुकी है. हालांकि दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि उनके पास फिलहाल स्पूतनिक वैक्सीन वैक्सीन नहीं है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली को अभी स्पूतनिक वैक्सीन नहीं मिली है.

दिल्ली में घटते कोरोना रोगियों के साथ ही अब अस्पतालों में ऑक्सीजन की डिमांड भी कम हो गई है. जहां दिल्ली सरकार पहले 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन की मांग कर रही थी. वहीं अब दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली के लिए 582 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पर्याप्त है. दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा गया है कि दिल्ली को यदि 582 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिले तो उससे दिल्ली का काम चल जाएगा. राज्य सरकार के मुताबिक यदि दिल्ली को इससे ज्यादा की सप्लाई की जा रही है तो वह अतिरिक्त सप्लाई अन्य जरूरतमंद राज्यों को दे दी जाए ताकि वहां कोरोना रोगियों का उपचार किया जा सके.