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कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला, घड़ियाली आंसू बहाकर कर रही आम लोगों की जेब ढीली

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मांग की कि सरकार बीमा पर प्रीमियम राशि को बढ़ने से रोके और बैंकों में खाताधारकों की पूंजी की सुरक्षा करे तथा महंगाई पर नियंत्रण करे.

Updated on: 08 Mar 2020, 05:39 PM

दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) ने रविवार को दावा किया कि वाहनों से जुड़े बीमा और जीवन बीमा के प्रीमियम में बढ़ोतरी का प्रस्ताव है तथा मोदी सरकार घड़ियाली आंसू बहाकर आम लोगों की जेब ढीली करने में लगी है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhwii) ने मांग की कि सरकार बीमा पर प्रीमियम राशि को बढ़ने से रोके और बैंकों में खाताधारकों की पूंजी की सुरक्षा करे तथा महंगाई पर नियंत्रण करे. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ बीमा के संदर्भ में दो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय होने जा रहे हैं. दोपहिया वाहन और चार पहिया वाहनों पर थर्ड पार्टी बीमा की प्रीमियम राशि में बढ़ोतरी का प्रस्ताव है.

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ईपीएफ पर ब्याज दर में कमी

इसी तरह जीवन बीमा से जुड़ी फिक्स्ड टर्म पॉलिसी के प्रीमियम में भी 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है.’’ सिंघवी ने कहा, ‘‘इन दोनों बढ़ोतरी से मध्यम वर्ग और इसके नीचे के लोगों पर बुरा असर पड़ेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ एलआईएसी जीवन बीमा का 70 फीसदी बाजार नियंत्रित करती है. इसमें भी विनिवेश करने का प्रस्ताव है. सरकार एक तरफ इसका निजीकरण करती हैं और दूसरी तरफ प्रीमियम में वृद्धि कर रहे हैं. यह इस किस प्रकार का षडयंत्र है?’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि ईपीएफ पर ब्याज दर में कमी की गई है, गैस सिलेंडर की कीमत 144 रुपये बढ़ा दी गई लेकिन केरोसीन पर सब्सिडी कम कर दी गई है.

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डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत मोदी जी की सीने और उनकी उम्र से ज्यादा

उन्होंने कहा, ‘‘डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत मोदी जी की सीने और उनकी उम्र से ज्यादा हो गई है. 2014 में जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने थे तो डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 58 थी जो अब 73 रुपये तक चला गया.’’ सिंघवी ने आरोप लगाया, ‘‘ यह सरकार एक तरफ घड़ियाली आंसू बहाती है और दूसरी तरफ आम लोगों की जेब ढीली कर रही है. यह सरकार आर्थिक मोर्चे और सामाजिक मोर्चे दोनों पर विफल रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस मांग करती है कि सरकार हस्तक्षेप करके बीमा के संदर्भ्र में प्रीमियम बढ़ोतरी को रोके. खाताधारकों के पैसे की सुरक्षा की जाए और महंगाई को नियंत्रित किया जाए.’’ भाषा हक हक नरेश नरेश