कांग्रेस ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को लेकर सरकार पर किया प्रहार
कांग्रेस ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को लेकर रविवार को सरकार पर प्रहार करते हुए उससे कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और महंगाई पर रोक लगाने के लिए बाजार में खाद्य वस्तुओं का पर्याप्त भंडार उपलब्ध कराने को कहा.
दिल्ली:
कांग्रेस ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को लेकर रविवार को सरकार पर प्रहार करते हुए उससे कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और महंगाई पर रोक लगाने के लिए बाजार में खाद्य वस्तुओं का पर्याप्त भंडार उपलब्ध कराने को कहा. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्याज और आलू की कीमतों के आसमान छूने का जिक्र करते हुए कहा कि यह 10 साल में अपने उच्चतम स्तर पर है. उन्होंने सरकार पर अनजान बने रहने का आरोप लगाया. साथ ही, यह आरोप भी लगाया कि सरकार भंडार को सड़ा रही है और इसका खामियाजा लोग भुगत रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि अभी तक कोई वित्तीय पैकेज नहीं मिलने से अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने के लिए संघर्ष कर रही है, ‘‘लेकिन सरकार अनजान बनी हुई है और महंगाई को नियंत्रित करने में पूरी तरह से अक्षम है.’’
वल्लभ ने कहा कि सरकार को लोगों को सहायता पहुंचाने के लिये और उपभोग बढ़ाने के तरीके तलाशने चाहिए थे, लेकिन यह आम आदमी को असहाय छोड़ने पर अमादा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि सरकार कालाबाजारी करने वालों पर फौरन कार्रवाई करे, शीत भंडार गृहों में मौजूद आवश्यक वस्तुओं के भंडार का आकलन करे और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए बाजार में पर्याप्त मात्रा में ये वस्तुएं उपलब्ध कराए. ’’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में उपभेाक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक, शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में लगातार ऊंचा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि संपूर्ण सीएफपीआई (उपभोक्ता खाद्य मूल्य संचकांक) जुलाई 2020 के लिए नौ प्रतिशत से अधिक था, लेकिन यह सितंबर 2020 में 10 प्रतिशत को भी पार कर गया.
उन्होंने कहा कि सब्जियों की महंगाई की दर सितंबर 2020 में 22.71 प्रतिशत थी और दाल की 13.69 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा, ‘‘क्या सरकार ने इन सभी को नियंत्रित करने की कोशिश की? इस पर गौर करने से यह पता चलता है कि कुछ नहीं किया गया. सरकार की अक्षमता और अकर्मण्यता इस बात से जाहिर होती है कि हमने सउदी अरब, ओमान, म्यांमा और अन्य देशों को 2019-20 में 1.23 लाख टन आलू निर्यात किए, जबकि हमारी खुद की आपूर्ति में कमी है.’’ उन्होंने पूछा , ‘‘आलू का निर्यात करने से पहले कोई उपयुक्त योजना क्यों नहीं बनाई गई थी, जबकि घरेलू बाजार में आपूर्ति की कमी थी.’’ वल्लभ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शीत भंडार गृहों में 30 लाख टन आलू पड़े हुए हैं, जिनमें से 22 लाख टन बाजारों के लिए हैं. ’
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