मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली सचिवालय में सभी जिलों के जिला विकास समिति (DDC) के नव नियुक्त अध्यक्षों और जिलाधिकारियों (DM) के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक का उद्देश्य ज़मीनी स्तर पर विकास कार्यों की समीक्षा करना और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को मजबूत बनाना था. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी कार्यालय सरकार का ऐसा चेहरा है जहाँ आमजन से सबसे अधिक संपर्क होता है, इसलिए इन कार्यालयों की कार्यशैली पारदर्शी, जवाबदेह और जन-संवेदनशील होनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता से सतत संवाद बनाए रखें और शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करें.
मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति पर काम कर रही है. उन्होंने पिछली सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जन शिकायतों को नजरअंदाज किया गया और राजस्व कार्यालयों की आधारभूत सुविधाओं की उपेक्षा की गई. अब इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
दिल्ली के हर जिले में बनेंगे ‘मिनी सचिवालय’
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दिल्ली के सभी जिलों में ‘मिनी सचिवालय’ स्थापित किए जाएंगे जहाँ राजस्व, पंजीकरण, प्रमाणपत्र, लाइसेंस और जन शिकायत निवारण जैसी सभी सेवाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी. इसके लिए डीएम को उपयुक्त भूमि की पहचान कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी DDC बैठकों में संबंधित विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी. बिना ठोस कारण के अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
शिकायत और सुझाव पेटियों की स्थापना
जन शिकायतों के शीघ्र समाधान को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी DM, SDM और उप-पंजीयक कार्यालयों में ‘शिकायत और सुझाव पेटियाँ’ लगाई जाएँ. इन पेटियों की निगरानी सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जाएगी ताकि कोई शिकायत अनदेखी न रह जाए.