दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में तीन नई स्वास्थ्य सेवाओं का उद्घाटन किया. इस अवसर पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह भी उपस्थित रहे. मुख्यमंत्री ने मेडिकल जेनेटिक्स वार्ड, स्तनपान प्रबंधन इकाई (Lactation Management Unit) और न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग (NAT) लैब का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि ये सेवाएं केवल तकनीकी उन्नयन नहीं हैं, बल्कि यह राजधानी के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है.
मेडिकल जेनेटिक्स वार्ड – दुर्लभ बीमारियों की उन्नत देखभाल
एलएनजेपी अस्पताल में शुरू हुआ यह दिल्ली का पहला मेडिकल जेनेटिक्स सेंटर है, जो रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर वाले मरीजों के लिए समर्पित है. यह सुविधा जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक आनुवंशिक विकारों के निदान, उपचार और परामर्श की सेवाएं प्रदान करेगी. यह देशभर के एनएमसी मेडिकल कॉलेजों में चौथा और आनुवंशिक बीमारियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र से जुड़ने वाला दूसरा संस्थान है.
स्तनपान प्रबंधन इकाई – नवजातों के लिए पोषण की सुरक्षा
समय से पहले जन्मे, कम वजन वाले या गंभीर रूप से बीमार नवजातों के लिए यह इकाई विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. इसमें माताओं को ब्रेस्टफीडिंग परामर्श, सुरक्षित दूध संग्रहण और अस्पताल-ग्रेड ब्रेस्ट पंप जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके माध्यम से “डोनर ह्यूमन मिल्क” की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी जिससे नवजातों में संक्रमण और कुपोषण की संभावना घटेगी.
न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग (NAT) लैब – रक्त संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा
यह अत्याधुनिक लैब HIV, हेपेटाइटिस B और C जैसे रक्तजनित संक्रमणों की पहचान अब महज दो दिनों में कर सकेगी, जबकि पहले इसमें 45 दिन तक लगते थे. यह तकनीक रक्तदान की सुरक्षा को बढ़ाएगी और सैकड़ों जिंदगियाँ बचाने में सक्षम होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नहीं दिया, जिसके परिणामस्वरूप प्रति 1000 जनसंख्या पर एक भी बेड उपलब्ध नहीं था. वर्तमान सरकार ने अगले पांच वर्षों में प्रति 1000 नागरिकों पर कम से कम तीन बेड सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है.
सरकार ने स्टाफ की कमी दूर करने, दवा वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भी कई पहल की हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अब सभी अस्पतालों को एकीकृत हेल्थ सिस्टम से जोड़ा जाएगा ताकि नागरिकों को प्राथमिक से लेकर तृतीयक स्तर तक समन्वित और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सके.