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CM केजरीवाल ने डिप्टी CM सिसोदिया के साथ छत्रसाल स्टेडियम में किया ड्राइव-इन टीकाकरण केंद्र का उद्घाटन

18 से 44 साल के युवाओं के लिए वैक्सीन दिल्ली में खत्म हो गई है, लेकिन अभी 44 साल से ऊपर वाले ग्रुप के लिए सरकार ने अभी कोविशील्ड की वैक्सीन थोड़े दिनों के लिए बंद की है. 

Updated on: 29 May 2021, 03:59 PM

highlights

  • छत्रसाल स्टेडियम में ड्राइव-इन कोविड वैक्सीनेशन सेंटर का उद्घाटन
  • सीएम केजरीवाल ने कहा कि इससे लोगों को काफी मदद मिलेगी

नई दिल्ली:

दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार भले ही धीमी पड़ चुकी है.लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है. कोरोना से बचाव के लिए जो वैक्सीनेशन चलाया जा रहा है उसकी रफ्तार भी थम चुकी है. और इसका सबसे बड़ा कारण है वैक्सीन की कमी. दिल्ली सरकार का कहना है कि इस समय दिल्ली में वैक्सीन आपूर्ति की दिक्कत आ रही है. वैक्सीन की बहुत ज्यादा कमी हो गई है. 18 से 44 साल के युवाओं के लिए वैक्सीन दिल्ली में खत्म हो गई है, लेकिन अभी 44 साल से ऊपर वाले ग्रुप के लिए सरकार ने अभी कोविशील्ड की वैक्सीन थोड़े दिनों के लिए बंद की है. 

इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर आज दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ड्राइव-इन कोविड वैक्सीनेशन सेंटर का उद्घाटन किया. इस मौके पर सीएम केजरीवाल ने कहा कि इससे लोगों को काफी मदद मिलेगी और आने वाले दिनों में इसी तरह और भी सेंटर खुलने वाले हैं. उन्होंने वैक्सीन की कमी को लेकर फिर केंद्र सरकार से गुहार लगाई. उन्होंने कहा वैक्सीन की कमी के कारण देशभर में कई राज्यों में सेंटर बंद होते जा रहे हैं. यह ऐसा समय था जब सेंटर बढ़ने चाहिए थे. लेकिन देश भर में सेंटर्स बंद हो रहे हैं, यह अच्छी बात नहीं है. मैं उम्मीद करता हूं कि युद्ध स्तर पर वैक्सीन की सप्लाई की जाएगी. हमने तो लिखा हुआ है कि हमें हर महीने 80 लाख वैक्सीन चाहिए, मैंने खुद ने प्रधानमंत्री जी को लिखा है.

 

बता दें कि भारत में शनिवार को कोविड-19 के 1,73,790 नए मामले सामने आए, जबकि पिछले 24 घंटों में 3,617 मरीजों ने कोरोना वायरस से दम तोड़ दिया. देश की राजधानी से कोरोना को लेकर राहत की खबर है. वही दिल्ली में कोविड के केसों में गिरावट दर्ज की गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले 24 घंटों में लगभग कोरोना के 900 मामले सामने आए हैं. दूसरी लहर के दौरान यह पहली बार है कि कि हमने 1,000 से कम मामले दर्ज किए हैं.