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दिल्ली मॉडल ने दुनिया को दिखाई राह, कोरोना के सबसे ज्यादा किए टेस्ट: केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ने जीरो से शुरू नहीं किया. दिल्ली में 5 हजार, 6 हजार केस से शुरू में थे. इसके बाद लॉकडाउन लग गया. कोरोना उस समय नया-नया था. मुझे याद है कि उस दौरान कोई किट, कोई पीपीई किट, कोई टेस्टिंग किट नहीं थी. कोई टेस्ट होता नहीं था.

Updated on: 16 Sep 2020, 01:47 PM

नई दिल्ली:

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अच्छी बात है. दिल्ली देश की राजधानी है. बाहार से जितनी भी फ्लाइट से आईं, उसकी 80 से 90 प्रतिशत फ्लाइट दिल्ली में उतरी है. उन दिनों में कोरोना नया नया था. किसी को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. तब तक कोई प्रोटोकॉल नहीं था. कोई आईसीएमआर की गाइडलाइन नहीं थी. कोई क्वारंटाइन और आइसोलेशन नहीं था. 22 मार्च का एक लेटर है, जो हमारे हेल्थ सेक्रेटरी ने सभी को भेजा है. उसमें उन्होंने लिखा है कि पिछले एक महीने में 32000 यात्री बाहर आए हैं और वो 32 हजार यात्री बाहर से आकर दिल्ली के कोने-कोने में फैल गए हैं. उनको चिंहित कराओ. तब तक 18 मार्च के आसपास केंद्र सरकार से गाइडलाइन आई थी कि जो लोग बाहर आ रहे हैं, उनको क्वारंटाइन किया जाए.

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केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ने जीरो से शुरू नहीं किया. दिल्ली में 5 हजार, 6 हजार केस से शुरू में थे. इसके बाद लॉकडाउन लग गया. कोरोना उस समय नया-नया था. मुझे याद है कि उस दौरान कोई किट, कोई पीपीई किट, कोई टेस्टिंग किट नहीं थी. कोई टेस्ट होता नहीं था. बाहर से आए यह लोग चारों तरफ फैल गए और उन लोगों ने कितने लोगों में कोरोना फैलाया होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. दिल्ली ने धीरे-धीरे कोरोना पर काफी हद तक काबू पाया. मैं यह नहीं कह रहा कि कोरोना 100 प्रतिशत नियंत्रण में है.

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'टीम वर्क से कोरोना को नियंत्रित किया'
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना को नियंत्रित करने की वजह सिर्फ एकमात्र टीम वर्क है. हमने जल्द ही महसूस कर लिया कि इतनी बड़ी महामारी है कि यह अकेले की वश की बात नहीं है. अगर दिल्ली सरकार इस अहंकार में होती कि हम करेंगे और हम अकेले करेंगे, तो कोरोना कंट्रोल होने वाला नहीं था. हमने सबकी मदद ली. हमने केंद्र सरकार की मदद ली और आज इस सदन के माध्यम से केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि शुरू में हमारे पास पीपीई किट नहीं थे, उन्होंने हमें दिए. हमें आँक्सीजन सिलेंडर दिए. जब जब हमने उनसे मदद मांगी, उन्होंने हमारी मदद की.

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'कोरोना से लड़ने में लोगों ने साथ दिया'
सीएम ने कहा कि समाज ने भी बहुत मदद की है, अकेले कोई सरकार नहीं कर सकती है. अगर हमने कह दिया कि दिल्ली सरकार ने कर दिया, तो दिल्ली सरकार झूठ बोल रही है. केंद्र सरकार ने कहा कि हमने किया, तो झूठ बोल रही है. दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने मिल कर जिस तरह से पूरी महामारी के दौरान मदद की है. समाज सेवी संस्थाएं, डॉक्टरों की संस्थाएं, सभी ने मदद की है.

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'हमको राजनीति करने नहीं आती'
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी एक एक कमजोरी है. हमको राजनीति करने नहीं आती है और यह कमजोरी इस वक्त सबसे बड़ी ताकत बन गई है. कोई कहता था कि केजरीवाल झूठ बोल रहा है. इसने दिल्ली को ठीक कर दिया. हम कहते थे कि हां इसने ठीक कर दिया. मैने सबसे कहा कि सारा क्रेडिट सबका और सारी जिम्मेदारी मेरी. दिल्ली के लोगों ने मुझे चुन कर भेजा है और अगर दिल्ली में कहीं पर भी किसी भी तरह की कोई दिक्कत आती है, तो उसकी जिम्मेदारी मेरी है.

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दिल्ली मॉडल की पूरे दुनिया में चर्चा
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली मॉडल चर्चा पूरे देश और पूरी दुनिया में हो रही है. यह केजरीवाल की वजह से नहीं है. यह दिल्ली मॉडल हमारी वजह से नहीं है. यह दिल्ली के दो करोड़ लोगों की मेहनत का नतीजा है. आज दिल्ली के लोगों की सबसे बड़ी ताकत है कि आज दिल्ली के लोगों के पास एक अच्छी नीयत की सरकार है. आज दिल्ली के लोगों के पास एक ईमानदार और मेहनती सरकार है. आज दिल्ली के लोगों के पास एक पढ़ी-लिखी सरकार है. दिल्ली के लोगों की यह सबसे बड़ी ताकत है. पिछले 5-6 महीनों में दिल्ली के लोगों ने इस कोरोना प्रबंधन में कई चीजों में देश को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को राह दिखाई है.

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दिल्ली में सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट
आज दिल्ली में 60 हजार टेस्ट प्रति दिन हो रहे हैं. दिल्ली की दो करोड़ जनसंख्या है. आज 10 लाख लोगों पर 3 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं. जांच के मामले में सबसे आगे दिल्ली है. इसके बाद देश में दूसरा आंध्र प्रदेश है, जहां पर 1362, इसके बाद दूसरा गुजरात है, जहां 1000 टेस्ट हो रहे. दिल्ली से एक तिहाई है. फिर कर्नाटका 983, हरियाणा 990, महाराष्ट्र 802 और उत्तर प्रदेश 670 और पूरे देश का औसत 819 है.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 3 हजार टेस्ट प्रति मिलियन हो रहे हैं, तो इंग्लैंड में भी 3000 हो रहे हैं. टेस्ट के मामले में इंग्लैंड दिल्ली के साथ है. अमेरिका में 1300 टेस्ट प्रति मिलियन, रसिया में 2311 टेस्ट प्रति मिलियन, पेरू में 858 टेस्ट प्रति मिलियन हो रहे हैं. अब तक हम 21 लाख लोगों की जांच कर चुके हैं. दिल्ली की आबादी का 11 प्रतिशत टेस्ट कर चुके हैं. पूरी दुनिया के अंदर ऐसा कोई देश नहीं है, कोई शहर नहीं है, जिसने अपनी पूरी जनसंख्या का 10 प्रतिशत टेस्ट कर लिया है.

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दिल्ली का होम आइसोलेशन पूरी दुनिया ने माना लोहा
कोरिया के अंबेसडर ने कहा कि दिल्ली का होम आइसोलेशन पूरी दुनिया के लिए स्टडी करने के लिए है. हमने कोरोना वारियर्स को एक विश्वास दिया. हमने कहा कि सारी सरकार आपके साथ खड़ी है, सारा देश आपके साथ खड़ा है. आप मेहनत कर रहे हो, हम आपकी मेहनत को सलाम करते हैं, आप लोग अपने जीवन को संकट में डाल रहे हो, हम उसको सलाम करते हैं, अगर भगवान न करें कल को आप को कुछ हो गया, तो आपको एक करोड़ रुपये की सहायता राशि सरकार देगी. जब हमने यह घोषणा की, तब डॉक्टर और नर्सों में विश्वास बना कि सरकार हमारे साथ खड़ी है, उनको लगा कि भगवान न करे कि कुछ हो जाए, तो सरकार हमारे साथ खड़ी है. मुझे नहीं लगता कि पूरी दुनिया के अंदर किसी भी देश में या किसी भी राज्य ने ऐसा किया होगा.

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अप्रैल और मई महीने में हमने प्लाज्मा थेरेपी के ट्रायल चालू किए थे. हमने पढ़ा था कि इससे पहले सिर्फ चीन के अंदर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल किया गया था. तब हम लोगों ने इसकी चर्चा की और हमने केंद्र सरकार से अनुमति मांगी. हमें फेस-एक, फेस-दो और फेस-तीन की अनुमति मिली. हमने अप्रैल और मई में ट्रायल किए. हमें बहुत खुशी है कि 2 जुलाई 2020 को दुनिया का पहला प्लाज्मा बैंक आईएलबीएस अस्पताल में शुरू किया गया. इसके बाद दूसरा प्लाज्मा बैंक एलएनजेपी में शुरू किया गया. हमें बेहद खुशी है कि हमने जो काम अप्रैल, मई जून, जुलाई में शुरू की थी, 19 अगस्त को अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐलान किया कि अमेरिका भी प्लाज्मा लागू करेगा. अभी तक दिल्ली में 1965 लोगों की जान प्लाजमा थेरेपी देकर बचाई जा चुकी है.