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CM अरविंद केजरीवाल ने इन प्रोजेक्टों को जल्द पूरा करने के दिए निर्देश( Photo Credit : फाइल फोटो)
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CM अरविंद केजरीवाल ने इन प्रोजेक्टों को जल्द पूरा करने के दिए निर्देश( Photo Credit : फाइल फोटो)
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने गुरुवार को स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए और कहा कि स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली के साथ ही हेल्थ हेल्पलाइन सेवा भी शुरू की जाएगी और हेल्थ कार्ड के लिए पूरी दिल्ली में नए सिरे से सर्वे प्रारंभ किया जाएगा. सीएम ने कहा कि हम दिल्ली में सबसे आधुनिक स्वास्थ्य सूचना प्रणाली बना रहे हैं. कोरोना के कारण प्रोजेक्ट को पूरा करने में कुछ देरी हो रही है, लेकिन हमें उम्मीद है कि यह मार्च 2022 तक शुरू हो जाएगा.
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सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) की प्रगति की समीक्षा की. हम दिल्ली में सबसे आधुनिक स्वास्थ्य सूचना प्रणाली बना रहे हैं. कोरोना के कारण कुछ देरी हो रही है. उम्मीद है, यह मार्च तक शुरू हो जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक कर स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) प्रोजेक्ट की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. सबसे पहले, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से एचआईएमएस प्रोजेक्ट की प्रगति के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की. इस दौरान अधिकारियों ने अवगत कराया कि कोरोना के कारण एचआईएमएस प्रोजेक्ट के कार्य में कुछ देरी हुई है, लेकिन अब इसका काम लगातार आगे बढ़ रहा है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एचआईएमएस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट के कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इस प्रोजेक्ट को मार्च-2022 तक पूरा किया जाना है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली के साथ ही हेल्थ हेल्प लाइन नंबर की सेवा भी शुरू की जाएगी. हेल्थ हेल्पलाइन सेवा पूरी दिल्ली के लिए शुरू की जानी है और हेल्थ कार्ड के लिए पूरी दिल्ली में नए सिरे से सर्वे प्रारंभ किया जाएगा, इसलिए इस प्रोजेक्ट को बेहद गंभीरता से लिया जाए और सभी कार्य निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा किया जाए. इस दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को एचआईएमएस प्रोजेक्ट से संबंधित सभी कार्य तय समय के अंदर करने का आश्वासन दिया.
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उल्लेखनीय है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार का प्रयास है कि एचआईएमएस को जल्द से जल्द दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में लागू कर दिया जाए. मरीजों की देखभाल संबंधित सभी सेवाएं जैसे अस्पताल प्रशासन, बजट और योजना, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बैक एंड सेवा और प्रक्रियाओं आदि को इस सिस्टम के अंदर लाया जाएगा. ई-हेल्थ कार्ड इस सिस्टम के माध्यम से जारी किए जाएंगे और एक्सेस के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होंगे. डोर टू डोर सत्यापन कर हेल्थ कार्ड वितरित किए जाएंगे। यह पूरा सिस्टम डिजीटल और क्लाउड पर आधारित होगा. इससे दिल्ली के लोगों को एक छत के नीचे सभी जानकारी प्राप्त करने और आपातकालीन मामलों में मदद मिल सकेगी. एचआईएमएस लागू होने के बाद दिल्ली देश का एकमात्र राज्य बन जाएगा, जहां क्लाउड आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली होगी.
ई-हेल्थ कार्ड के लिए प्रस्तावित गतिविधियां
ई-हेल्थ कार्ड प्रोजेक्ट के तहत वोटर आईडी और जनसंख्या रजिस्ट्री के आधार पर दिल्ली के सभी निवासियों को क्यूआर कोड आधारित ई-हेल्थ कार्ड जारी किए जाएंगे, जिससे प्रत्येक मरीज की जनसांख्यिकीय और बुनियादी क्लीनिकल जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. सभी पात्रों को स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए ई-हेल्थ कार्ड के माध्यम से पूरे परिवार की मैपिंग की जाएगी. निर्बाध सूचना आदान-प्रदान के लिए एचआईएसएस के साथ एकीकृत किया जाएगा. भौतिक सत्यापन के बाद प्रत्येक व्यक्ति को क्यूआर कोड के साथ कार्ड वितरित किए जाएंगे. साथ ही लोगों के अनुरोध पर संशोधित या डुप्लिकेट कार्ड जारी करने के लिए प्रावधान भी किया जाएगा.
केंद्रीकृत स्वास्थ्य हेल्पलाइन के लिए कॉल सेंटर होगा
इस स्कीम को लागू करने के लिए दो स्तर पर केंद्रीकृत कॉल सेंटर स्थापित होगा. पहले स्तर में कॉल सेंटर आपरेटर लोगों के कॉल और मैसेज प्राप्त करेंगे. सीआरएम को लॉग-इन कर केस का आंकलन करते हुए उसका समाधान कराएंगे और संबंधित उपलब्ध हेल्थ केयर स्टाफ को बताएंगे. आपरेटर कॉल करने वाले को संबंधित जानकारी देंगे और अंत में उसकी रिपोर्ट बनाई जाएगी.
वहीं, दूसरे स्तर पर दिल्ली सरकार के डॉक्टर और विशेषज्ञ कॉल व संदेश को प्राप्त करते हुए मरीज को मिलने का समय देंगे. अगर केस इमरजेंसी है तो उनके कॉल को तत्काल स्वीकार करेंगे. मरीजों से बात कर उनकी समस्या का समाधान करेंगे. अगर जरूरत पड़ती है तो वे संबंधित रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करेंगे. इसके बाद मरीज को जानकारी देते हुए सीआरएम पर इसकी अपडेट देंगे.
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