DTC बस खरीद मामले में केजरीवाल सरकार को क्लीन चिट, टेंडर प्रक्रिया में नहीं मिली कोई गड़बड़ी

उपराज्यपाल (एलजी) की ओर से गठित की गई जांच समिति ने केजरीवाल सरकार ( Kejriwal Government ) को क्लीन चिट दे दी है.

उपराज्यपाल (एलजी) की ओर से गठित की गई जांच समिति ने केजरीवाल सरकार ( Kejriwal Government ) को क्लीन चिट दे दी है.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
Arvind Kejriwal

DTC बस मामले में AAP सरकार को क्लीन चिट, टेंडर में गड़बड़ी नहीं- सूत्र( Photo Credit : फाइल फोटो)

दिल्ली (Delhi) में एक हजार डीटीसी बस खरीद मामले में केजरीवाल सरकार को बड़ी राहत मिली है. इस मामले में उपराज्यपाल (एलजी) की ओर से गठित की गई जांच समिति ने केजरीवाल सरकार ( Kejriwal Government ) को क्लीन चिट दे दी है.  सूत्रों ने बताया है कि जांच समिति ने उपराज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जांच समिति ने पाया है कि टेंडर प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं है. आपको बता दें कि बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ( Vijender Gupta ) ने केजरीवाल सरकार पर DTC बस खरीद मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.

Advertisment

यह भी पढ़ें : तीसरी लहर आई तो इसके लिए जनता होगी जिम्मेदार : आईएएनएस सी वोटर ट्रैकर 

एलजी द्वारा गठित जांच समिति ने यह रिपोर्ट ऐसे समय में सौंपी है, जब इस मसले पर बीजेपी लगातार केजरीवाल सरकार पर हमलावर है. बीते दिनों दिल्ली सचिवालय पर बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. बीजेपी ने कथित डीटीसी बस घोटाले के विरोध में दिल्ली सचिवालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की बर्खास्तगी की मांग की थी. विरोध प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी, विधायक विजेंद्र गुप्ता आदि प्रमुख रूप से शामिल हुए थे. सभी कार्यकर्ता राजघाट पर एकत्र हुए और फिर वहां से केजरीवाल विरोधी नारे लगाते हुए सचिवालय तक गए थे. इससे पूर्व पार्टी ने मुख्यमंत्री आवास के सामने भी विरोध-प्रदर्शन किया था.

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी ने कहा था कि पिछले चार वर्षों में करोड़ों के बजट के बावजूद दिल्ली के लिए बस नहीं खरीदी गई. एक स्कूल, कॉलेज नहीं खोला गया. उन्होंने कहा था कि बस खरीद घोटाले को विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन सत्ता के मद में चूर आम आदमी पार्टी ने बहुमत के नीचे इसे दबाने का प्रयास किया था. वहीं बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा था कि बसों की तीन वर्ष की गारंटी रहती है. ऐसे में रखरखाव के लए किसी निजी कंपनी से करार करने की जरूरत क्या है? बसों की खरीद पर जितनी राशि खर्च होगी, उससे अधिक राशि उसके रखरखाव के लिए करार किया गया है.

यह भी पढ़ें : बिजनेस शुरू करने के लिए मोदी सरकार दे रही है 10 लाख रुपये की मदद, जानिए कैसे उठाएं फायदा 

आपको बता दें कि बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने ही आरोप लगाया था कि केजरीवाल सरकार ने DTC बस खरीद मामले में भ्रष्टाचार किया. विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि सरकार ने दिल्ली में बसों की खरीद के लिए 900 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन इन बसों की गारंटी के दौरान रखरखाव पर पांच हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इससे बड़ा कोई भ्रष्टाचार नहीं है. हालांकि इन आरोपों की जांच के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की थी, जिसको 2 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था. 

HIGHLIGHTS

  • केजरीवाल सरकार को बड़ी राहत
  • DTC बस खरीद केस में क्लीन चिट
  • जांच समिति ने क्लीन चिट दी 
DTC Bus Case Delhi government arvind kejriwal
      
Advertisment