नागरिकता कानून : विश्वविद्यालयों के छात्रों, कार्यकर्ताओं, नागरिकों ने प्रदर्शन में लिया हिस्सा

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), जामिया मिल्लिया इस्लामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र इसमें शामिल हुए

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), जामिया मिल्लिया इस्लामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र इसमें शामिल हुए

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Sushil Kumar
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नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदर्शन( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली में विश्वविद्यालयों के सैकड़ों छात्रों के साथ कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने मंगलवार को मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च किया. ‘हल्ला बोल’, ‘छात्र एकता जिंदाबाद’, ‘जय भीम’ और सरकार विरोधी नारों की गूंज के बीच दोपहर करीब 12.45 बजे मार्च शुरू हुआ. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), जामिया मिल्लिया इस्लामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र इसमें शामिल हुए. अनेक नागरिकों, कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया. प्रदर्शनकारियों ने नए नागरिकता कानून के खिलाफ अपना असंतोष व्यक्त करने के लिए मार्च निकाला. इस दौरान वह महात्मा गांधी, बी आर आंबेडकर, जाकिर हुसैन, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकुल्ला खान जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के कटआउट लिए हुए थे.

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पुलिस की इजाजत के बिना मार्च जंतर मंतर की ओर रवाना हुआ. इस प्रदर्शन के दौरान कई महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ आयी थीं. मार्च में शामिल हुईं चितरंजन पार्क की किरन ने सरकार पर देश की ‘विविधता को नष्ट’ करने आरोप लगाया. वह अपने साथ अपनी दो बच्चियों को भी लाई थीं. किरन ने कहा, ‘‘ जो भी हो रहा है वे (उनकी बेटियां) टेलीविजन पर देख रहीं हैं और मैं उन्हें स्कूल से सीधे यहां लाई हूं. उन्हें पता होना चाहिए कि देश में क्या हो रहा है.’’ पुलिस से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद योगेंद्र यादव की पार्टी स्वराज अभियान और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने मार्च निकाला. स्वराज अभियान के नेता यादव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर भ्रम पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि एनआरसी पर चर्चा नहीं हुई है लेकिन राष्ट्रपति ने इस बारे में कहा है. गृह मंत्री भी संसद में एनआरसी के बारे में बोल चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पष्ट करना चाहिए कि एनआरसी नहीं होगा. ’’

पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने कहा कि न केवल नागरिक संस्थाएं इस कानून का विरोध कर रही हैं बल्कि कई मुख्यमंत्रियों और दलों ने भी इसकी आलोचना की है. सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती के बीच यह रैली शांतिपूर्वक जंतर मंतर की ओर गयी जिसमें कई छात्र और युवा संगठनों ने भाग लिया. नववर्ष के दिन नेशनल यंग इंडिया कोऑर्डिनेशन एंड कैम्पेन के सदस्य और मुहिम का समर्थन कर रहे लोग संविधान को बचाने का संकल्प लेंगे. उन्होंने नए साल का नारा भी बनाया है. नववर्ष का संकल्प-संविधान की रक्षा. मुहिम से जुड़े लोगों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नागरिकता (संशोधन) कानून को अगले साल 71 वें गणतंत्र दिवस के पहले वापस लिए जाने की मांग की.

बहरहाल, जामिया के अध्यापकों के संगठन (जेटीए) ने जामिया बिरादरी सहित सभी नागरिकों से बुधवार को क्रिसमस के अवसर पर सीएए-एनआरसी के खिलाफ अपना प्रदर्शन रोकने का अनुरोध किया है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने भी कहा कि वे बुधवार को क्रिसमस मनाएंगे. हालांकि संविधान बचाओ संघर्ष समिति कानून के खिलाफ बुधवार को जनसभा करेगी जिसमें लेखिका अरूंधति राय और अभिनेत्री स्वरा भास्कर तथा अभिनेता जीशान अयूब हिस्सा लेंगे . 

Source : Bhasha

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