दिल्ली को स्वच्छ बनाने के लिए राजधानी के स्कूलों में “मां यमुना स्वच्छता अभियान” की शुरुआत करने की तैयारी की गई है. इस अभियान की पहल दिल्ली सरकार के जल विभाग के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने की है. उन्होंने शिक्षा मंत्री आशीष सूद को पत्र लिखकर इस खास अभियान को दिल्ली के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में लागू करने का आग्रह किया. इस अभियान का मुख्य लक्ष्य बच्चों में यमुना नदी के महत्व को लेकर संवेदनशीलता को बढ़ाना और उन्हें स्वच्छता आंदोलन से जोड़ना है. मंत्री के अनुसार, अगर यमुना को सच में पुनर्जीवित करना है तो यह एक जन आंदोलन बनाना होगा. इसमें खासकर बच्चों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है. बच्चे न केवल जागरूकता का संदेश फैलाएंगे, बल्कि भविष्य के लिए एक संवेदनशील समाज भी तैयार करेंगे.
कई अहम गतिविधियां करवाई जाएंगी
“मां यमुना स्वच्छता अभियान” के तहत दिल्ली के स्कूलों में बच्चों से कई अहम गतिविधियां करवाई जाएंगी. इसमें निबंध लेखन, चित्रकला और पेंटिंग भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, स्वच्छ यमुना प्रतिज्ञा और जागरूकता वॉक और वार्षिक उत्सवों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. खास बात है कि यह सभी गतिविधियां यमुना स्वच्छता अभियान के तहत की जाएंगी.
यमुना की स्वच्छता के बिना दिल्ली का भविष्य अधूरा
इस दौरान प्रवेश साहिब सिंह ने कहा, “यमुना केवल एक नदी नहीं है, बल्कि दिल्ली की जीवन रेखा की तरह है. पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से प्रेरणा लेते हुए हम ‘मां यमुना स्वच्छता अभियान’ के जरिये बच्चों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जोड़ रहे हैं. हम आज अपने बच्चों को नदी और पर्यावरण के महत्व को लेकर शिक्षित करते हैं तो कल वे जागरूक नागरिक बनकर स्वच्छ और हरित भारत के निर्माण में अहम भूमिका अदा करेंगे. यमुना की स्वच्छता के बिना दिल्ली का भविष्य अधूरा है.”
दिल्ली जल बोर्ड इस पहल के तहत शिक्षा निदेशालय के साथ मिलकर स्कूलों को जरूरी शैक्षणिक सामग्री, जागरूकता सामग्री और अन्य संसाधनों का सहयोग देगा. स्कूलों को सलाह दी जाएगी कि वे इन गतिविधियों में स्कूल कैलेंडर में जोड़ें. छात्रों को प्रेरित करें कि वे स्वच्छता और जल संरक्षण के संदेश को आगे बढ़ाएं.