ED का सुप्रीम कोर्ट में बयानः हिरासत में भी गवाहों में डर पैदा कर रहे चिदंबरम

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से महाधिवक्ता तुषार मेहता ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पी. चिदंबरम की उपस्थिति गवाहों में डर पैदा करती है.

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Kuldeep Singh
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ED का सुप्रीम कोर्ट में बयानः हिरासत में भी गवाहों में डर पैदा कर रहे चिदंबरम

पी. चिदंबरम( Photo Credit : फाइल फोटो)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से महाधिवक्ता तुषार मेहता ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पी. चिदंबरम की उपस्थिति गवाहों में डर पैदा करती है. ईडी ने आईएनएक्स धन शोधन मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया है. मेहता ने न्यायमूर्ति आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ को बताया कि पूर्व वित्तमंत्री हिरासत में हों या ना हों, वे इस मामले के गवाहों को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त हैं.

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मेहता ने कोर्ट में कहा, "एक गवाह ने एक पत्र लिखा, और अन्य दो ने आग्रह किया कि 'कृपया मेरा उनसे सामना ना कराएं.' बेशक उनकी उपस्थिति से प्रभाव पड़ सकता है." आर्थिक अपराधों की गंभीरता का हवाला देते हुए मेहता ने कोर्ट को बताया कि पूरी दुनिया धन शोधन से जूझ रही है.

मेहता ने पीठ को बताया कि ईडी की जांच में 12 खातों का खुलासा हुआ है, जिनके माध्यम से अपराध हुआ और एजेंसी ने पतों के साथ 12 संपत्तियों की जानकारी जुटाई है. उन्होंने कहा कि ये संपत्तियां और खाते 16 देशों में पाए गए हैं. पीठ में दो अन्य न्यायाधीश- न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और ऋषिकेश रॉय हैं.

चिदंबरम ने मामले में जमानत याचिका रद्द किए जाने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि आर्थिक अपराध हत्या के अपराध से अलग दर्जे का और गंभीर अपराध है, और यह एक सफेदपोशी का अपराध है, जिससे एक आम आदमी का किसी संस्था में विश्वास डिगाने की क्षमता है. मेहता ने जोर देकर कहा कि ईडी के मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है. ईडी ने जोर देकर कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच के बाद यह सामने आई है कि वित्तमंत्री रहने के दौरान चिदंबरम ने और भी एफआईपीबी मंजूरियां दी थीं.

Source : IANS

Supreme Court P Chidambaram In Custody ed
      
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