New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2017/11/03/73-delhipolice.jpg)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
हाई कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार दिल्ली पुलिस में पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने के मामले में सांप और सीढ़ी का खेल खेल रही है, जबकि मेट्रोपोलिस होने के बाद भी दिल्ली 'बिलकुल भी सुरक्षित नहीं' है।
जस्टिस एस रवीन्द्र भट और संजीव सचदेव की बेंच ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक मंज़ूर की गई संख्या 4227 कर्मियों की आधी नियुक्तियां नहीं हुई हैं। कोर्ट ने कहा है कि इस नियुक्तियों से अपराध की जांच और सामान्य कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहायता होती।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी नाराज़गी जताते हुए कहा कि वो अभी तक 14,000 पुलिस कर्मियों की नियुक्ति पर फैसला नहीं ले पा रही है जबकि इस संबंध में 2015 से ही इससे जुड़ी गृहमंत्रालय की फाइल वित्त मंत्रालय के पास विचाराधीन है।
बेंच ने कहा, 'ये सांप और सीढ़ी की तरह है। हम गोल-गोल घूम रहे हैं। कुछ आदेश (कोर्ट से) बार-बार जारी किये जा रहे हैं। हम नहीं चाहते हैं कि आम आदमी इसमें फंसे।'
बेंच ने कहा, 'साफ तौर पर, दिल्ली सुरक्षित स्थान नहीं है। हम ऐसे ही नहीं बैठे रह सकते हैं, जबकि नाबालिग लड़कियों के साथ शहर में लगातार बलात्कार हो रहे हैं।'
कोर्ट ने कहा कि अब कही पर तो विचार करने की प्रक्रिया खत्म होनी चाहिये। कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से कहा कि संबंधित मंत्री से निवेदन किया जा सकता है कि वो एक प्रक्रिया तैयार करें और इस मामले को लालफीताशाही से मुक्त कर सकें।
और पढ़ें: पंजाब: आतंकवादी फिर पांव पसारने की कोशिश में,पुलिस ने CM को दी जानकारी
बेंच ने कहा, 'कोर्ट इस नतीजे पर पहुंची है कि 14753 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति का मामला अफसरशही में फंसा हुआ है।'
कोर्ट ने कहा कि इस संबंध सही कदम उठाए जाने की ज़रूरत है। ताकि सरकार नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सके।
बेंच ने एएसजी से 16 नवंबर तक कोर्ट को इस संबंध में जानकारी देने का निर्देश दिया है।
और पढ़ें: महबूबा सरकार ने आतंकी सलाहुद्दीन के बेटे को नौकरी से निलंबित किया
Source : News Nation Bureau