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राशन योजना पर रोक के बाद केंद्र और दिल्ली आमने सामने, आज CM केजरीवाल करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस

राष्ट्रीय राजधानी में घर घर राशन योजना पर रोक के बाद दिल्ली और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गई हैं. यह विवाद फिर से उस वक्त शुरू हुआ जब इस योजना पर केंद्र सरकार ने शुरू होने से पहले ही रोक लगा दी.

Updated on: 06 Jun 2021, 08:01 AM

highlights

  • केंद्र ने लगाई घर घर राशन योजना पर रोक
  • दिल्ली में 72 लाख गरीबों को मिलना था लाभ
  • LG अनिल बैजल ने फाइल को वापस लौटाया

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी में घर घर राशन योजना पर रोक के बाद दिल्ली और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गई हैं. यह विवाद फिर से उस वक्त शुरू हुआ जब इस योजना पर केंद्र सरकार ने शुरू होने से पहले ही रोक लगा दी. शनिवार को दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर फिर से ब्रेक लग गया. योजना के जरिए पूरी दिल्ली में राशन वितरण शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार थी, जिससे 72 लाख गरीब लाभार्थियों को लाभ मिलता. मगर अब केंद्र के इस कदम से दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी काफी नाखुश है. इसी कड़ी में राशन की घर-घर डिलीवरी योजना रद्द होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज प्रेस कॉन्फेंस करेंगे.

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दिल्ली सरकार ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र सरकार के सभी सुझावों को स्वीकृति के बाद दिल्ली सरकार ने 24 मई 2021 को एलजी को अंतिम स्वीकृति और योजना के तत्काल लागू के लिए फाइल भेजी थी, लेकिन एलजी ने यह कहते हुए फाइल वापस कर दी कि यह योजना दिल्ली में लागू नहीं की जा सकती. दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि योजना को खारिज करते हुए एलजी ने दो कारण बताए, जिसमें पहला इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है और दूसरा यह कि योजना के खिलाफ कोर्ट में एक मामला चल रहा है.

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इन दोनों बिंदुओं की वैधता को खारिज करते हुए दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि मौजूदा कानून के अनुसार ऐसी योजना शुरू करने के लिए किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है. फिर भी हमने केंद्र को 2018 से अब तक 6 पत्र लिखकर इस योजना के बारे में हर स्तर पर अवगत कराया है. इसके अलावा 19 फरवरी 2021 को केंद्र से प्राप्त अंतिम पत्र के आधार पर, योजना के नाम के बारे में उनकी आपत्तियों को भी दिल्ली मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया. इसके आगे और क्या मंजूरी चाहिए. एलजी द्वारा उठाए गए कोर्ट केस के तर्क को खारिज करते हुए इमरान हुसैन ने कहा कि अदालत में चल रहे मामले के कारण इस क्रांतिकारी योजना के लागू होने से रोकना समझ से परे है. इस मामले पर पहले ही दो सुनवाई हो चुकी हैं और कोर्ट द्वारा कोई स्टे आदेश नहीं दिया गया है.