तीसरी लहर आई तो कब्रिस्तान में कम पड़ेगी जगह, प्रबधंक मांग रहे अल्लाह से दुआ

Delhi News: कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए दिल्ली के कब्रिस्तान प्रबंधक प्रार्थना कर रहे हैं. राजधानी दिल्ली के कब्रिस्तानों में पिछले 2 महीनों के दौरान 1500 से अधिक शवों को दफनाया गया है.

Delhi News: कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए दिल्ली के कब्रिस्तान प्रबंधक प्रार्थना कर रहे हैं. राजधानी दिल्ली के कब्रिस्तानों में पिछले 2 महीनों के दौरान 1500 से अधिक शवों को दफनाया गया है.

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Kuldeep Singh
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तीसरी लहर आई तो कब्रिस्तान में कम पड़ेगी जगह, प्रबधंक मांग रहे दुआ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

कोरोना की दूसरी लहर में देशभर ने मौत का तांडव देखा था. देश की राजधानी दिल्ली में श्मशान घाट से लेकर कब्रिस्तान में लगह नहीं बची थी. अब तीसरी लहर की आशंका ने चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है. इसे लेकर कब्रिस्तान प्रबंधकों की चिंता बढ़ गई है. प्रबंधकों को इस बात की चिंता है कि अगर तीसरी लहर आई तो कब्रिस्तान में जगह नहीं बचेगी. प्रबंधक अब अल्लाह से प्रार्थना कर रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर ना आए. दिल्ली के अधिकांस कब्रिस्तान में जगह कम हो चुकी है.

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कब्रिस्तान में नहीं बची जगह

दिल्ली गेट के इस्लाम कब्रिस्तान के प्रबंध समिति के सदस्यों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एक दिन में 30 शव तक कब्रिस्तान में आए थे. दो महीने में 1500 से अधिक शवों को दफनाया जा चुका है. अब तीसरी लहर के लिए अल्लाह से प्रार्थना ही कर सकते हैं. अभी कब्रिस्तान में 250 से 300 शवों को दफनाने की ही जगह बची है. अगर तीसरी लहर आई तो स्थिति गंभीर हो सकती है. दिल्ली के अन्य कब्रिस्तानों की भी यही स्थिति हैं. अधिकांश कब्रिस्तान में शवों को दफनाने के लिए जगह नहीं बची है. दूसरी लहर में जिस तरह हाहाकार मचा था उसे देखते हुए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है.  

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दिल्ली में 131 कब्रिस्तान

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 131 कब्रिस्तान हैं. हालांकि, कोविड -19 के कारण मरने वाले लोगों को दिल्ली गेट, शास्त्री पार्क, ताहिरपुर और मंगोलपुरी में केवल चार लोगों को दफनाने की अनुमति थी. दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और ओखला के विधायक अमानतुल्ला खान ने कहा कि जरूरत पड़ने पर दफनाने के लिए दक्षिण-पूर्व दिल्ली में मिलेनियम पार्क के पास एक भूखंड की पहचान की गई है. कयामुद्दीन ने कहा कि मिलेनियम पार्क के पास चार एकड़ के भूखंड का इस्तेमाल पहले स्थानीय लोगों के विरोध के कारण दफनाने के लिए नहीं किया जाता था.

HIGHLIGHTS

  • दूसरी लहर ने बरपाया था कहर
  • अधिकांश कब्रिस्तान में जगह कम
  • तीसरी लहर की तैयारी शुरू
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