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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने को आरोप लगाया है 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिल्ली के लोगों पर उपचुनाव थोपे गए हैं। इसके साथ ही कहा है कि इस फैसले से अगले दो सालों के लिये विकास के काम में बाधा आएगी।
आप को झटका देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसके 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के चुनाव आयोग के फैसले पर मुहर लगा दी है।
इन विधायकों के संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्ति हुई थी। लेकिन इसे लाभ का पद माना गया और इन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया।
केजरीवाल ने दावा किया है कि इन विधायकों को कभी एर रुपया भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, 'मैंने इन 20 विधायकों को अलग-अलग कामों की जिम्मेदारी दी थी। इन्हें स्कूलों, अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक के देख-रेख की जिम्मेदारी दी गई थी। एक विधायक पर सरकारी स्कूलों की जिम्मेदारी थी।'
उन्होंने कहा, ' इन विधायकों को स्कूल की निरीक्षण करना था कि क्लास में टीचर्स आए हैं या नहीं। इस काम के लिए वो अपनी जेब से खर्च करते थे। हमने इन 20 विधायकों को एक भी रुपया नहीं दिया।'
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उन्होंने कहा कि वो बीजेपी से डरने वाले नहीं हैं, क्योंकि वो सच्चाई के मार्ग पर चल रहे हैं और दिल्ली की जनता उनके साथ है।
इससे पहले उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक खुला पत्र दिल्ली के लोगों के नाम लिखा था और इन विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने को गंदी राजनीति करार दिया था। साथ ही जनता से अपील की थी कि वो बीजेपी को सबक सिखाएं।
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Source : News Nation Bureau
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