पुस्तक मेले में जेएनयू पर आधारित किताब पर नहीं की गई चर्चा
लेखक अविजित घोष ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता को साझा किया है।
नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पृष्ठभूमि पर दिल्ली के एक पत्रकार अविजित घोष द्वारा लिखी गई किताब 'अप कैम्पस डाउन कैम्पस' को सोमवार को विश्व पुस्तक मेले में पढ़ने और इस पर चर्चा करने की मंजूरी नहीं दी गई। स्पीकिंग टाइगर द्वारा प्रकाशित किताब पिछले साल कई छात्रों के 'राष्ट्र विरोधी गतिविधियों' में लिप्त होने के आरोपों के कुछ समय बाद जारी की गई थी। किताब में जेएनयू की विशिष्ट पहचान का सराहनापूर्वक वर्णन किया गया है।
कहा जा रहा है कि नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) के अधिकारियों ने कथित तौर पर प्रकाशकों को सूचित किया था कि निदेशक किताब पढ़ना चाहते हैं। अंतिम क्षणों में कोई कारण दिए बिना इसकी अनुमति से इनकार कर दिया गया।
लेखक घोष ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता साझा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "यह किताब उन तीन किताबों में से एक थी, जिन पर मेरे प्रकाशक चर्चा और पठन कराना चाहते थे। एनबीटी ने केवल 'अप कैंपस डाउन कैंपस' मांगी। लेकिन, एक-दो घंटे में ही उन्होंने ना कह दिया। एनबीटी ने प्रकाशकों के इसके लिए कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया।"
लेखक ने कहा, 'एनबीटी के वर्तमान अध्यक्ष पांचजन्य (आरएसएस का प्रकाशन) के पूर्व संपादक हैं। किसी स्पष्टीकरण के अभाव में मैं केवल अनुमान ही लगा सकता हूं।'
घोष ने लिखा, 'सबसे पहली बात यह कि आयोजक किसी न किसी कारण से जेएनयू पर आधारित किसी उपन्यास को कोई मंच प्रदान नहीं करना चाहते थे। दूसरा यह कि आप नेता आशुतोष चर्चा में शामिल होने वाले थे, जो उस समय पेरियार छात्रावास में मेरे साथी थे। लगता है कि हम-किताब और हम दोनों-शक के आधार पर दोषी हो गए।'
वहीं, एनबीटी ने किसी तरह के पूर्वाग्रह से इनकार किया है। उसका कहना है कि यह सब कुछ 'कार्यक्रम आधारित' था और किसी के खिलाफ जानबूझकर कुछ नहीं किया गया।
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