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कमलनाथ को मुख्‍यमंत्री पद से हटाने को लेकर बीजेपी नेता तेजिंदरपाल सिंह बग्‍गा भूख हड़ताल पर

बग्‍गा का आरोप है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ का हाथ था. बग्‍गा ने कहा, जब तक कमलनाथ को पद से हटाया नहीं जाएगा, हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

बग्‍गा का आरोप है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ का हाथ था. बग्‍गा ने कहा, जब तक कमलनाथ को पद से हटाया नहीं जाएगा, हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

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Sunil Mishra
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कमलनाथ को मुख्‍यमंत्री पद से हटाने को लेकर बीजेपी नेता तेजिंदरपाल सिंह बग्‍गा भूख हड़ताल पर

तेजिंदरपाल सिंह बग्‍गा (ANI)

कमलनाथ को मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर दिल्‍ली में बीजेपी नेता तेजिंदरपाल सिंह बग्‍गा भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. बग्‍गा का आरोप है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ का हाथ था. बग्‍गा ने कहा, जब तक कमलनाथ को पद से हटाया नहीं जाएगा, हमारा आंदोलन जारी रहेगा. बग्‍गा ने कहा, 2004 में कांग्रेस ने जगदीश टाइटलर और सज्‍जन कुमार को चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था, लेकिन काफी विरोध प्रदर्शन के बाद वापस ले लिया गया था. पंजाब का प्रभारी बनाने के बाद भी कांग्रेस पार्टी को अपने कदम वापस खींचने पड़े थे, क्‍योंकि तब भी काफी विरोध-प्रदर्शन हुए थे. बग्‍गा ने कहा, अब मध्‍य प्रदेश का मुख्‍यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने सिख लोगों के जख्‍मों पर नमक छिड़कने का काम किया है.

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बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को सज्जन कुमार और अन्य पांच को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी करार दिया है. अदालत ने कांग्रेस नेता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने सज्जन कुमार से 31 दिसम्बर तक आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है. न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को बदल दिया है जिसने कांग्रेस नेता को बरी कर दिया था.

पीठ ने कहा, '1947 की गर्मियों में विभाजन के दौरान देश ने भयावह नरसंहार देखा, जब सिख, मुस्लिम और हिंदुओं सहित कई लाख नागरिकों की हत्या कर दी गई थी.' फैसले में कहा गया है, '37 साल बाद देश ने फिर से एक बड़ी मानव त्रासदी को देखा. 31 अक्टूबर 1984 की सुबह दो सिख अंगरक्षकों द्वारा भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक सांप्रदायिक उन्माद भड़क उठा.'

पीठ ने 203 पेज के अपने आदेश को पढ़ते हुए कहा, 'उस साल चार दिन, एक नवंबर से लेकर चार नवंबर तक पूरी दिल्ली में 2,733 सिखों की बेरहमी से हत्या कर दी गई. उनके घरों को नष्ट कर दिया गया. देश के बाकी हिस्सों में भी हजारों सिख मारे गए.'

अदालत ने कहा, 'इस भयावह त्रासदी के अपराधियों के बड़े समूह को राजनीतिक संरक्षण का लाभ मिला और उदासीन कानून प्रवर्तन एंजेसियों से भी उन्हें मदद मिली.' अदालत ने कहा कि अपराधी दो दशक से ज्यादा समय से सजा से बचते रहे. अदालत ने हत्या, आपराधिक साजिश रचने सहित दंगा भड़काने, आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा घरों को नष्ट करने की साजिश रचने और किसी वर्ग के धार्मिक स्थल को अपवित्र करने की साजिश रचने के आरोप में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कांग्रेस नेता को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई.

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