दिल्ली में जाट वोटरों को साधने के लिए BJP ने बनाई खास रणनीति

भाजपा ने खास तौर से जाट वोटरों को साधने के लिए कवायद शुरू कर दी है. इसी रणनीति के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बार-बार सभाओं में जाट नेता और सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का नाम ले रहे हैं.

author-image
Kuldeep Singh
New Update
दिल्ली में जाट वोटरों को साधने के लिए BJP ने बनाई खास रणनीति

दिल्ली में जाट वोटरों को साधने के लिए BJP ने बनाई खास रणनीति( Photo Credit : फाइल फोटो)

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा कई रणनीति पर अमल कर रही है. इसके लिए पार्टी ने सभी वर्गो को लुभाने का मन बनाया है. भाजपा सभी जाति और वर्ग के नेताओं को दिल्ली में प्रचार के लिए बुला रही है. भाजपा ने खास तौर से जाट वोटरों को साधने के लिए कवायद शुरू कर दी है. इसी रणनीति के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बार-बार सभाओं में जाट नेता और सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा का नाम ले रहे हैं.

Advertisment

भाजपा सूत्रों के अनुसार, हरियाणा के बड़े जाट नेताओं को विशेष जिम्मेदारी देने का पार्टी ने फैसला किया है. ओ. पी. धनखड़ और कैप्टन अभिमन्यु को जाट बहुल इलाकों में अभी से जन संपर्क करने को कहा गया है. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला से भी भाजपा ने दिल्ली में प्रचार करने की अपील की है. यह तय माना जा रहा है कि दुष्यंत चौटाला भाजपा के लिए वोट मांगेंगे.

यह भी पढ़ेंः ओवैसी को क्रेन से उल्टा लटका दूंगा..., BJP सांसद धर्मपुरी अरविंद के बिगड़े बोल

हालांकि, लोकसभा चुनाव 2019 में जजपा और आप ने मिलकर हरियाणा में भाजपा को चुनौती दी थी. जजपा ने सात और आम आदमी पार्टी ने तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन अब हरियाणा में जजपा-भाजपा की गठबंधन सरकार है. भाजपा सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के रण में जाट चेहरे के रूप मे पार्टी दुष्यंत को आगे कर सकती है, जिससे दिल्ली चुनाव की तस्वीर बदल सकती है.

दिल्ली की 12 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर जाट बहुलता में हैं. ये सभी सीटें आउटर दिल्ली की हैं. माना जा रहा है कि आउटर दिल्ली की आधा दर्जन सीटों पर जजपा का प्रभाव है. इन सीटों पर जजपा किसी भी राजनीतिक दल का गणित बिगाड़ सकती है. 1998 में भाजपा ने इनेलो के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. उस समय इनेलो को तीन सीटें भाजपा ने दी थी. हालांकि इनेलो एक भी सीट जीत नहीं पाई थी.

यह भी पढ़ेंः HDFC का होम लोन हुआ सस्‍ता, पुराने ग्राह‍कों को भी होगा फायदा

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा इस बार जजपा के साथ चुनावी गठबंधन भी कर सकती है. लेकिन भाजपा में कई जाट नेता फिलहाल दुष्यंत के साथ दिल्ली में न तो गठबंधन के पक्ष में हैं और न ही उनको प्रमुखता देने के पक्ष में. लेकिन भाजपा हाईकमान जजपा को साध कर एक तीर से कई शिकार करना चाहती है. भाजपा को लगता है कि ऐसा करने से जाट नेताओं की नाराजगी दूर करने में मदद मिलेगी. भाजपा नेताओं को लगता है कि इससे हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फायदा मिल सकता है. ऐसे में सबकी नजरें पार्टी हाईकमान पर हैं.

Source : IANS

Delhi Assembly Elections 2020 amit shah Jaat voters BJP
      
Advertisment