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कल से बदल जाएगी दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन का नाम, पढ़ें पूरी खबर

एक सितंबर से दिल्ली पुलिस की बीट पेट्रोलिंग सिस्टम पीसीआर वैन का नाम बदल जाएगा. दिल्ली पुलिस ने कई व्यवस्थाओं में जरुरी बदलाव की है. पीसीआर वैन अब बीट पेट्रोलिंग व्हीकल के नाम से गश्त करती दिल्ली की सड़कों पर नजर आएगी.

Updated on: 31 Aug 2021, 09:06 PM

highlights

  • दिल्ली पुलिस में एक सितंबर से बड़े बदलाव
  • थाने से सीधा जुड़ेंगे पीसीआर कर्मी
  • बीट पेट्रोलिंग व्हीकल के नाम से जानी जाएगी PCR वैन

नई दिल्ली:

एक सितंबर से दिल्ली पुलिस की बीट पेट्रोलिंग सिस्टम पीसीआर वैन का नाम बदल जाएगा. दिल्ली पुलिस ने कई व्यवस्थाओं में जरुरी बदलाव की है. पीसीआर वैन अब बीट पेट्रोलिंग व्हीकल के नाम से गश्त करती दिल्ली की सड़कों पर नजर आएगी. गौरतलब है कि पहले पीसीआर यूनिट अलग होने पर पीसीआर की गाड़ी और पुलिसकर्मी पहुंचते थे. इसको लेकर पीसीआर में मौजूद पुलिसकर्मी को लोकल थाने को सूचित करना पड़ता था. उसके बाद लोकल पुलिस वहां जाती थी और फिर आगे की कार्यवाही शुरू होती थी. लेकिन अब एक सितंबर से बीट पेट्रोलिंग व्हीकल थानाध्यक्ष के सुपर विजन में पीसीआर कॉल पर सीधा पहुंचेगा.

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बता दें कि पीसीआर यूनिट खत्म किए जाने के बाद जब पीसीआर की गाड़ियां और पीसीआर कर्मी थानों के मातहत काम करेंगे तो पेट्रोलिंग निश्चित तौर पर बढ़ेगी और पब्लिक को जल्द रिस्पांस भी मिलेगा. इसके साथ-साथ आने वाले समय में थानों में दो टीम काम करती नजर आ सकती है. जिसमें एक लॉ एंड ऑर्डर संभालेगी. जिसमें पेट्रोलिंग अहम है. वहीं दूसरी टीम इन्वेस्टिगेशन पर काम करेगी ताकि ठोस साक्ष्य और वैज्ञानिक आधार पर जांच प्रणाली को पुख्ता और प्रभावी बनाया जा सके. पुलिस के आधिकारिक सूत्रों की माने तो तीन अलग-अलग शिफ्ट में बीट वैन में पुलिसकर्मी पेट्रोलिंग करेंगे.  

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यह पहल दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर राकेश अस्थाना के आने के बाद हुई है. अभी तक की व्यवस्था में कुछ एरिया में पीसीआर वैन पेट्रोलिंग करती है तो कुछ एरिया में उनके पॉइंट्स तय किए गए हैं. जहां उन्हें अपनी शिफ्ट में लगातार तैनात रहना पड़ता है. माना जा रहा है कि एक सितंबर से नई व्यवस्था लागू होने के बाद ना सिर्फ थानों की स्ट्रेंथ बढ़ेगी. बल्कि पीसीआर कर्मियों का काम पहले के मुकाबले ज्यादा अहम हो जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 8000 पीसीआर के जवान दिल्ली पुलिस के थानों को मिलेंगे. इसके साथ ही हर थाने में लगभग 40 पुलिसकर्मियों की स्ट्रेंथ बढ़ने की उम्मीद है. जिसके सहायता से लॉ एंड ऑर्डर संभालने और जांच प्रणाली को बेहतर किया जा सकेगा.