दिल्ली में अवैध इमीग्रैंट्स की ओर से बड़ी संख्या में आधार कार्ड बनाये जाने के मामलों पर उपराज्यपाल सचिवालय ने गंभीर रुख अपनाया है। इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक संसाधनों के दुरुपयोग से जोड़ते हुए उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्य सचिव को आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
क्या है एलजी का निर्देश
आधार कार्ड बनाये जाने के मामलों पर उपराज्यपाल सचिवालय ने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि दिल्ली में कार्यरत सभी आधार रजिस्ट्रार अब नामांकन प्रक्रिया में अधिक सतर्कता बरतें और किसी भी संदिग्ध पहचान पत्र या दस्तावेज़ पर बिना सत्यापन के आधार जारी न किया जाए।
एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, अगले दो महीनों के भीतर आधार नामांकन प्रक्रिया को ‘इन-हाउस मॉडल’ में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और नियंत्रित बनाना है, जिससे बाहरी एजेंसियों की भूमिका सीमित हो सके।
15 जुलाई तक का दिया गया वक्त
मुख्य सचिव से कहा गया है कि वे 15 जुलाई तक दिल्ली के सभी आधार नामांकन केंद्रों की विस्तृत सूची उपराज्यपाल सचिवालय को प्रस्तुत करें। इससे निगरानी और मूल्यांकन की प्रक्रिया को सशक्त किया जा सकेगा।
अवैध प्रवासियों द्वारा आधार कार्ड प्राप्त कर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना, रोजगार के अवसरों में असमानता उत्पन्न करना और पहचान संबंधी जोखिम बढ़ाना – ये सभी गंभीर चिंता के विषय हैं। ऐसे में यह कार्रवाई न केवल पहचान प्रणाली की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि नागरिक संसाधनों की रक्षा के लिए भी एक आवश्यक कदम है।