भीम आर्मी के सदस्यों ने गुरुवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ यहां शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा लिया और संगठन के अध्यक्ष चंद्रशेखर की रिहाई की मांग की. दलित संगठन के सदस्यों ने आजाद और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के पोस्टर के साथ ‘बहुजन-मुस्लिम एकता जिंदाबाद’ और ‘जय भीम’ के नारे लगाए.
चंद्रशेखर को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में 21 दिसंबर को हुई हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किया गया था. भीम आर्मी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हिमांशु वाल्मीकि ने शाहीन बाग में संगठन के समर्थकों की अगुवाई की. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के निकट स्थित शाहीन बाग में 15 दिसंबर से एक वर्ग के लोग संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बगैर अनुमति जामा मस्जिद में विरोध-प्रदर्शन करने और जंतर-मंतर तक मार्च निकालने पर भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर (Bhim Army Chief Chandrasekhar) को दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद पुलिस ने चंद्रशेखर को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. पुलिस ने चंद्रशेखर को तिहाड़ जेल भेज दिया है.
दरियागंज इलाके में गिरफ्तार 15 आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर की कोर्ट में पेश किया था. हालांकि, इन आरोपियों के साथ चंद्रशेखर को पेश नहीं किया गया था. वकील ने सभी आरोपियों की जमानत की अर्जी लगाई. प्रॉसिक्यूशन की ओर से कहा गया है कि अभी तक सिर्फ एक (चंद्रशेखर) की पेशी नहीं हुई है. आरोपियों को 14 दिन के जेल भेजा जाए.
इस दौरान चंद्रशेखर की ओर से वकील महमूद प्राचा ने तीस हजारी कोर्ट में बहस की थी. उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि चंद्रशेखर कहा है. बाकी सभी आरोपियों की पेशी हो गई है, सिर्फ उसकी पेशी नहीं हुई है. उन्होंने आगे कहा कि नहीं पता कि वो जिंदा है या मर गया. इस दौरान कोर्ट रूम में मौजूद दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि उन्हें भी नहीं मालूम है कि चंद्रशेखर कहां है. हालांकि, उसे कुछ देर में कोर्ट में पेश किया जाएगा.
सुनवाई के कुछ देर बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की कोर्ट में पेशी हुई है. इस दौरान मीडियाकर्मियों को कोर्ट में अंदर जाने से रोक दिया गया. पुलिस ने कोर्ट से चंद्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की है. तीस हजारी कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद चंद्रशेखर की जमानत याचिका खारिज कर दी है और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
Source : Bhasha