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बाबरी विध्वंस:फैसले के तुरंत बाद आडवाणी से मिले रविशंकर प्रसाद, जानें क्यों

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद(Ravi Shanakr Prasad) ने बुधवार को बाबरी विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी किये जाने के फैसले के तत्काल बाद वयोवृद्ध भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की.

Updated on: 30 Sep 2020, 03:26 PM

नई दिल्ली :

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद(Ravi Shanakr Prasad) ने बुधवार को बाबरी विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी किये जाने के फैसले के तत्काल बाद वयोवृद्ध भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani ) से उनके आवास पर मुलाकात की.

मालूम हो कि आडवाणी इस मामले के 32 आरोपियों में एक थे. प्रसाद राम जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में बतौर वकील भी पेश हो चुके हैं. आडवाणी को भी इस मामले में अदालत में मौजूद होने का कहा गया था लेकिन उम्र और कोरोना वायरस महामारी के चलते वह न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके. 

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दालत के फैसले के बाद 92 वर्षीय आडवाणी अपने कमरे से बाहर निकले और ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए मीडिया का अभिवादन किया. अदालत जब अपना फैसला सुना रही थी उस वक्त आडवाणी अपने परिवार के सदस्यों के साथ टेलीविजन देख रहे थे.

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उनकी पुत्री प्रतिभा आडवाणी, उनका हाथ पकड़े हुईं थी. यह मामला छह दिसंबर 1992 को बाबारी ढांचा ध्वस्त करने से संबंधित था. विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. यह एक आकस्मिक घटना थी. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी.