NRC मुद्दा : सेवानिवृत्त वायु सेना सार्जेंट सादुल्ला अहमद की याचिका पर SC ने की सुनवाई

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को एक सेवानिवृत्त वायु सेना सार्जेंट सादुल्ला अहमद की याचिका पर सुनवाई भी की, जिनके नाम के साथ उनके दो बेटे असम के नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के प्रारूप में शामिल नहीं थे.

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को एक सेवानिवृत्त वायु सेना सार्जेंट सादुल्ला अहमद की याचिका पर सुनवाई भी की, जिनके नाम के साथ उनके दो बेटे असम के नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के प्रारूप में शामिल नहीं थे.

author-image
yogesh bhadauriya
एडिट
New Update
NRC मुद्दा : सेवानिवृत्त वायु सेना सार्जेंट सादुल्ला अहमद की याचिका पर SC ने की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई NRC मुद्दे पर सुनवाई

असम में एनआरसी के मुद्दे को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को एक सेवानिवृत्त वायु सेना सार्जेंट सादुल्ला अहमद की याचिका पर सुनवाई भी की, जिनके नाम के साथ उनके दो बेटे असम के नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के प्रारूप में शामिल नहीं थे. सादुल्लाह अहमद का नाम एनआरसी सूचियों के मसौदे में शामिल नहीं है. याचिका में कहा गया है कि उनका नाम इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि उनकी बहन को 'विदेशी' घोषित किया गया था.

Advertisment

इसके साथ ही केंद्र सरकार एनआरसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एनआरसी के लिए असम में तैनात किए गए सुरक्षा बल को आम चुनाव के लिए वापस नहीं लिया जाएगा. अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि गृह सचिव का निर्देश है कि 167 कंपनियां जो राज्य में तैनात की गई हैं वह बनी रहेंगी

इसके अलावा केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चुनाव के बावजूद एनआरसी ( NRC) प्रक्रिया के लिए सुरक्षा बल या स्टाफ की कमी नहीं होने दी जाएगी. वहीं कोर्ट ने एनआरसी के लिए मियाद बढ़ाने की मांग को ठुकरा दिया है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली: नागरिक उड्डयन सचिव द्वारा बुलाई गई सभी एयरलाइनों की आपात बैठक

बता दें कि कोर्ट ने एनआरसी प्रक्रिया का काम 31 जुलाई तक पूरा करने का आदेश दिया हुआ है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव के चलते इस मियाद को बढ़ाने से मना कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल तक एनआरसी प्रक्रिया का स्टेटस सौंपने को कहा है.

यहां यह समझने की आवश्यकता है कि आखिर एनआरसी है क्या?

एनआरसी से पता चलता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं. जिनके नाम इसमें शामिल नहीं होते हैं, उन्हें अवैध नागरिक माना जाता है. इसके हिसाब से 25 मार्च, 1971 से पहले असम में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court central government assam nrc Attorney General Venugopal Sergeant Sadullah Ahmed
Advertisment