पार्टी में फूट के बीच दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को राज्यसभा टिकट देने के लिए संपर्क साधा है।
खबर है कि 'आप' ऊपरी सदन (राज्यसभा) में पार्टी के कोर नेताओं को नहीं भेजेगी। ऐसे में कुमार विश्वास के राज्यसभा जाने की चाहत पर पानी फिर सकता है।
'आप' के संस्थापक सदस्यों में से एक कुमार विश्वास ने पिछले दिनों एक समाचार पत्र से बात करते हुए कहा था कि पार्टी को उन्हें अपने कोटे से राज्यसभा में भेजना चाहिए।
राजस्थान के प्रभारी विश्वास ने कहा था, 'राज्यसभा संसद का उच्च सदन है और उनमें वह क्षमता है कि वे सदन में देश की जनता की आवाज पुरजोर तरीके से बुलंद कर सकते हैं।'
कुमार विश्वास आप विधायक अमानतुल्लाह खान के निलंबन वापसी से नाराज हैं। खान ने कुमार विश्वास को बीजेपी का एजेंट करार दिया था।
कवि विश्वास का मानना है कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व में से कुछ नेता उन्हें अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि उनका दावा है कि वह पार्टी नेताओं को सफल नहीं होने देंगे।
पिछले दिनों हुई आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नहीं बोले दिये जाने पर विश्वास ने कहा था, 'ख़ुशियों के बेदर्द लुटेरों... ग़म बोले तो क्या होगा... ख़ामोशी से डरने वालो... 'हम' बोले तो क्या होगा..??'
राजन का नहीं आया जवाब
पार्टी के एक नेता ने बताया कि रघुराम राजन से संपर्क किया गया है, लेकिन अभी तक उनका जवाब नहीं आया है।
पार्टी के एक नेता ने नाम नहीं उजागर करने के शर्त पर कहा, 'राज्यसभा में अगले साल की शुरुआत में खाली हो रहे तीन सीटों पर आम आदमी पार्टी कोई भी पार्टी नेताओं को राज्यसभा नहीं भेजेगी।'
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उन्होंने कहा कि राजन के अलावा पार्टी दो और ऐसे चेहरों की तलाश कर रही है जो सोशल सर्विस से जुड़े हैं, उन्हें पार्टी राज्यसभा भेजेगी।
राजन ने 4 सितंबर 2016 को आरबीआई के गवर्नर के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था। इसके बाद उन्होंने अध्यापन का फैसला किया और वह अमेरिका लौट गए।
वह फिलहाल शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फायनेंस के प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहे हैं। राजन खुलकर विचार रखने के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की आलोचना की थी।
गुटबाजी थामने की कोशिश
दरअसल, आप की कोशिश है कि इस कदम से गुटबाजी पर रोक लगेगी। अगर आप बाहरी लोगों को मनोनीत करती है तो पार्टी नेताओं को दबाव बनाने में मुश्किल आएगी। 'आप' नेता ने कहा, 'पार्टी नेताओं को राज्यसभा नहीं भेजने से नेताओं के बीच तकरार जैसी स्थिति नहीं होगी।'
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आपको बता दें की दिल्ली में तीन राज्यसभा सीट है। जहां से कांग्रेस के कोटे से तीन सांसद जनार्दन द्विवेदी, परवेज हाशमी, कर्ण सिंह सांसद हैं। तीनों का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म हो रहा है।
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में आम आदमी पार्टी के 66 विधायक हैं। ऐसे में 'आप' सभी तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार भेजेगी।
HIGHLIGHTS
- राज्यसभा भेजने के लिए आम आदमी पार्टी ने रघुराम राजन से संपर्क साधा, अभी तक नहीं मिला जवाब
- 'आप' राज्यसभा में पार्टी के कोर नेताओं को नहीं भेजेगी, ऐसे में कुमार विश्वास के राज्यसभा जाने की चाहत पर पानी फिर सकता है
Source : News Nation Bureau