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अरविंद केजरीवाल बोले-दिल्ली में कोरोना की थर्ड वेव, बेड की कमी के लिए जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

पिछले कुछ समय से दिल्ली में कोरोना के मामले काफी बढ़े हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसे थर्ड वेव कहा जा सकता है. कल इसको लेकर एक रिव्यू मीटिंग कर रहे है.

Updated on: 04 Nov 2020, 01:47 PM

नई दिल्ली:

पिछले कुछ समय से दिल्ली में कोरोना के मामले काफी बढ़े हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसे थर्ड वेव कहा जा सकता है. कल इसको लेकर एक रिव्यू मीटिंग कर रहे है. अस्पतालों में बेड की कोई कमी ना हो इसके लिये भी लगातार तैयारी की जा रही है. आज हम हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने जा रहे है जिसमें हमने प्राइवेट अस्पतालों में 80 फीसद आईसीयू बेड रिजर्व रखने के लिये कहा था. पटाखों को लेकर भी हम जल्दी फैसला लेंगे. 

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बॉयो डिकम्पोजर तकनीक से प्रदूषण पर लगाम
सीएम केजरीवाल ने कहा कि हर साल पराली के जलने की वजह से धुआं उठता है. अभी भी देखेंगे तो आसमान में धुआं-धुआं हुआ है और मीडिया की रिपोर्ट और सैटेलाइट की तस्वीरों से यह लगता है कि आसपास के राज्यों में खासकर पंजाब में काफी ज़्यादा पराली चलाई जा रही है. एक तरफ किसान खुद ही दुखी है. उसको और पूरे गांव को कितना प्रदूषण बर्दाश्त करना पड़ता है. आसपास के राज्यों की सरकारों ने उनके लिए कुछ भी नहीं किया. किसान अपनी पराली जलाने के लिए मजबूर हुआ और वह पूरा धुआं उत्तर भारत में फैल जाता है. पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर दिल्ली सरकार ने इस बार एक अहम कदम उठाया है दिल्ली के सारे खेतों के अंदर बायो डीकंपोजर केमिकल का छिड़काव किया गया. 

13 तारीख को छिड़काव किया था और आज जब हम यहां खड़े हैं तो पूरी पराली गल चुकी है. खाद में कन्वर्ट हो चुकी है और अब इसकी बुवाई का काम शुरू हो सकता है. दिल्ली के लोगों ने पहली बार पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर एक समाधान दिया है. पराली का इतना सस्ता और इतना अच्छा समाधान है कि पराली अब खाद में तब्दील हो रही है तो मैं उम्मीद करता हूं कि अब यह आखिरी साल होगा जो हम यह प्रदूषण बर्दाश्त कर रहे हैं. अब किसी सरकार के पास कोई बहाना नहीं है अपने किसानों को तंग करने का. किसान दुखी हो चुके हैं वह पराली नहीं जलाना चाहते मेरी बहुत किसानों से बात हुई है पंजाब और हरियाणा में, वह पराली नहीं जलाना चाहते. अब हमें समाधान मिल गया हम सुप्रीम कोर्ट को भी बताएंगे कि यह समाधान बहुत प्रभावकारी है. किसान भी बहुत संतुष्ट है और पूसा इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिक भी परिणाम से काफी संतुष्ट हैं. अब समाधान है और सरकारों की जिम्मेदारी है. कोई यह बहाना नहीं बना सकता कि हमारे पास समाधान नहीं है दिल्ली के अंदर सिर्फ 20 लाख रूपए में ही सारा छिड़काव हो गया जो कि कुछ भी नहीं है. 

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दीवाली में पटाखे जलाने के लिये बनाए जाएंगे ग्रीन जोन  
उन्होंने कहा कि कल हमारी एक रिव्यू मीटिंग है. 4 बजे कोरोना की स्थिति को देखने के लिए, बेड की स्थिति को देखने के लिए और पटाखों के बारे में भी निर्णय लिया जाएगा कि पटाखे जलने चाहिए या नहीं जलने चाहिए. 

बैड के लिए जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता को कहना चाहता हूं कि पिछले कुछ दिनों में करोना के मामलों में उछाल आया है इसको थर्डवेव हम कह सकते हैं. क्योंकि सितंबर के आखिरी में केस नीचे आने शुरू हो गए थे हम लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. मैं यह कहना चाहता हूं कि घबराने की जरूरत नहीं है जो भी कदम उठाने होंगे हम उठाएंगे. जो आईसीयू बेड की कमी है हमने आईसीयू बेड रखे थे लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट दुर्भाग्यवश स्टे लगा दिया. आज हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. स्टे को हटाने के लिए ताकि वह कमी दूर की जा सके. अभी फिलहाल बेड्स की कोई कमी नहीं है, मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की कोई कमी नहीं है. केवल कुछ बड़े प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड विद वेंटीलेटर की कमी नजर आ रही है. इसको एक-दो दिन में ठीक करने की कोशिश करेंगे अगर सुप्रीम कोर्ट में स्टे हट जाएगा तो यह कमी भी दूर हो जाएगी. पूरी तरह से हमारा मुख्य मकसद है कि लोग अगर बीमार पड़ते हैं तो उन्हें उचित इलाज मिले और जो मौत है कोरोना से वह कम से कम होनी चाहिए, जो कि अभी कंट्रोल में है.