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केजरीवाल की याचिका पर SC ने कहा- एलजी ही हैं दिल्ली के 'बॉस'

दिल्ली सरकार ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल के ज़रिए दिल्ली सरकार की कार्यकारी व्यवस्था को पूरी तरीके से पंगु कर दिया है।

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Shivani Bansal
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केजरीवाल की याचिका पर SC ने कहा- एलजी ही हैं दिल्ली के 'बॉस'

अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

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दिल्ली बनाम केंद्र अधिकार विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सुनवाई शुरू की। सुनवाई के पहले दिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में एलजी को ज़्यादा अधिकार हासिल है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आर्टिकल 239AA के तहत उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के कई फैसलों से असहमति रखने का अधिकार रखते है। पब्लिक आर्डर, ज़मीन, कानून व्यवस्था जैसे विषयों पर उन्हें कहीं ज़्यादा अधिकार हासिल है, लेकिन इसके बावजूद एलजी दिल्ली सरकार की फाइलों को लंबे समय तक लटका नही सकते।'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'मतभेद की स्थिति में उपराज्यपाल को फाइलों पर कारण सहित जवाब देना चाहिये और यह एक वाज़िब समयसीमा के अंदर हो जाना चाहिए।'

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अदालत ने कहा कि अगर किसी मसले को लेकर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच मतभेद है, तो उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाना चाहिए।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने ये टिप्पणी उस वक्त की जब दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कई जनकल्याणकारी योजनाओं की फाइल उपराज्यपाल को भेजी गई है, लेकिन लंबा वक्त गुजरने के बावजूद उन पर अभी तक फैसला नहीं लिया गया है। 

दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने दलील रखी। गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा, 'एलजी के जरिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की तमाम कार्यकारी शक्तियों को पंगु बना दिया है। सरकार के हर फैसले में एलजी रोड़ा लटका रहे है।'

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उन्होंने दलील दी कि एक लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार (दिल्ली सरकार) जनादेश के मुताबिक काम कर सके, इसके लिए जरूरी है कि आर्टिकल 239AA की समग्र व्याख्या हो। एलजी के रवैये के चलते राजधानी में कोई भी अधिकारी मुख्यमंत्री और मंत्रियों के निर्देश का पालन नहीं कर रहा है। 

पिछले साल अपने फैसले में दिल्ली हाई कोर्ट ने माना था कि दिल्ली एक केंद्र शासित क्षेत्र है। इसलिए, यहाँ राष्ट्रपति के प्रतिनिधि यानी उपराज्यपाल की मंजूरी से ही फैसले लिए जा सकते हैं।

4 अगस्त 2016 को आए इसी फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। दिल्ली सरकार की दलील है कि हाई कोर्ट ने संविधान की गलत व्याख्या की है।

इस व्याख्या से दिल्ली सरकार पूरी तरह अधिकारहीन हो गयी है। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 7 नवंबर को भी जारी रहेगी

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HIGHLIGHTS

  • दिल्ली बनाम केंद्र अधिकार विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की टिप्पणी
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में एलजी को ज़्यादा अधिकार हासिल है
  • हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तय समय में निपटानी चाहिए फाइलें, मंगलवार को होगी सुनवाई 

Source : News Nation Bureau

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