दिल्ली में दिनों-दिन जहरीली हवा को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal) ने ऑड-ईवन (Odd Even) स्कीम शुरू की थी, लेकिन अब इस स्कीम को बंद कर दिया है. ऑड-ईवन स्कीम को एक बार फिर लागू करने पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी आसमान साफ है, इसलिए अब इसकी कोई जरूरत नहीं है.
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के बहुत से इलाकों में सीवर पाइप लाइन डाल दी गई है, लेकिन बहुत से लोग अभी भी कनेक्शन नहीं ले रहे हैं, जिससे यमुना गंदी हो रही है. कैबिनेट ने तय किया है कि जहां सीवर लाइन डाल दी गई. वहां 31 मार्च तक जो लोग सीवर अप्लाई करेंगे उन्हें कोई पैसा नहीं देना होगा. लगभग 2 लाख 34 हजार घर ऐसे हैं, जिन्होंने कनेक्शन नहीं लेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि ईस्ट दिल्ली में तो पूरी सीवर लेन पड़ चुकी है. इससे नालों की सफाई करने में भी मदद मिलेगी. 26 सितंबर को केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पानी को क्वालिटी यूरपोयन स्टैंडर्ड की है. फिर मनोज तिवारी ने भी 6 अक्टूबर को माना कि पानी की क्वालिटी अच्छी है. मुझे लगता है कि इसको लेकर राजनीति हो रही है. वे बता नहीं रहे हैं कि 11 सैम्पल कहा से लिए गए.
दिल्ली के सीएम ने आगे कहा कि दिल्ली में कम से कम 2000 सैंपल उठाने चाहिए थे. दिल्ली जल बोर्ड ने 1,55 हजार सैंपल में से 98% सैंपल पास हुए. मैं आज मीडिया के जरिए कहना चाहता हूं कि हम हर नगरपालिका बोर्ड 5-5 सैंपल लेंगे. 70 साल में इन सबने मिल कर बेड़ा गर्ग किया है. हमने 5 सालो में बहुत काम किया है. 100% समस्या का हल नहीं हुआ है. लेकिन हमने बहुत काम किया है.
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उन्होंने आगे कहा कि सैटेलाइट के नक्शे 5 साल पहले से थे. अब उसी को वो इस्तेमाल कर रहे हैं. 5 साल में दिल्ली सरकार के दबाव से वो तैयार हुए पर अब इनकी नियत फिर से सवालों में है. हमने दवाब डालकर मोहल्ला क्लिनिक पास करवाया. सीसीटीवी पास करवाया. हम कॉलोनी भी पास करवाएंगे. केजरीवाल रजिस्ट्री दिलवाएगा. जब तक रजिस्ट्री की कॉपी हाथ में न आए किसी पर यकीन मत करना.
बता दें कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों दिल्ली सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा था कि Odd-Even कोई स्थायी समाधान नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली में air purifying टावर लगाने के लिए रोडमैप बनाये. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऑड इवन स्कीम से प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं आया. जबकि दिल्ली सरकार का कहना है कि इस स्कीम के चलते प्रदूषण के स्तर में 5-10 फीसदी की कमी आई है.