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Artificial Rain: देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण से निपटने के लिए अब कृत्रिम बारिश का सहारा लिया जाएगा. मोस्ट अवेटेड इस प्रोजेक्ट से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. क्लाउड सीडिंग करवाने वाला सेना का विशेष विमान कानपुर से मेरठ के लिए रवाना हो गया है.
सूत्रों की मानें को बादलों की अनुकूल स्थिति को देखते हुए शुक्रवार से अगले तीन दिनों में कभी भी क्लाउड सीडिंग यानी आर्टिफिशिल बारिश हो सकती है. ये एक सीक्रेट प्रोसेस है, जिसे सीक्रेटली किया जाएगा. सफलता हासिल करने के बाद आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी दी जाएगी.
कैसे होगी 'कृत्रिम बारिश'?
कृत्रिम बारिश के लिए पाइरोटेक्निक नाम की एक विशेष टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. एयरक्राफ्ट की दोनों विंड्स के नीचे करीब 10 पॉकेट्स रखी जाएंगी. इसकी मदद से ही आर्टिफिशियल बारिश करवाई जाएगी. एयरक्राफ्ट के बटन को दबाकर पॉकेट के कैमिकल्स को बादलों के नीचे ब्लास्ट करवाया जाएगा.
100 किमी की रेंज में दिख सकता है
इस टेक्निक में फ्लेयर्स निकलती है, जो नीचे से ऊपर की बादलों के साथ रिएक्टर करती है, जिससे कंडनसेशन बढ़ता है और बारिश होती है. इसका असर करीब 100 किलोमीटर की रेंज में महसूस होती है. दिल्ली-एनसीआर को इसकी मदद से प्रदूषण से राहत मिल सकती है.
अब जानें कैसा है प्रदूषण का हाल
दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स में तेजी से गिरावट देखने को मिली है. दिल्ली की हवा की क्वालिटी गुरुवार को भी बहुत खराब स्थिति में रही. सुबह 6 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 353 दर्ज किया गया है. कई इलाकों में प्रदूषण का रेड जोन है. अक्षरधाम मंदिर के पास सड़कों पर विजिबिलिटि बहुत कम थी. अधिकांश इलाकों में सुबह से स्मॉग छाया हुआ था. अधिकांश इलाकों में एक्यूआई 300 से 400 के बीच रहा. ये बहुत खराब है. दिल्ली में प्रदूषण से सबसे खराब स्थिति आज आनंद विहार की थी. सुबह साढ़े पांच बजे एक्यूआई 511 तक पहुंच गया.
हेल्थ एक्सपर्ट ने दी ये सलाह
हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह है कि जब तक एक्यूआई मीडियम लेवल पर नहीं आ जाता, तब तक दिल्ली एनसीआर के लोगों को बाहर की गतिविधियां सीमित रखनी होंगी. आठ महानगरों में दिल्ली का एक्यूआई सबसे खराब रहा.