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नागालैंड में स्थिति खतरनाक, 6 महीने के लिए बढ़ी AFSPA की अवधि

अफस्पा सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून (अफस्पा) सुरक्षा बलों को कहीं भी अभियान चलाने और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है. नगालैंड में यह कानून दशकों से लागू है.

Updated on: 30 Dec 2019, 11:03 PM

दिल्ली:

पूरे नगालैंड राज्य को विवादास्पद ‘अफस्पा’ के तहत और छह महीने के लिए, अगले साल जून अंत तक अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. अफस्पा सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून (अफस्पा) सुरक्षा बलों को कहीं भी अभियान चलाने और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है. नगालैंड में यह कानून दशकों से लागू है.

गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि केंद्र सरकार का विचार है कि समूचा नगालैंड क्षेत्र, एक ऐसी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बल का इस्तेमाल जरूरी है. इसमें कहा गया है, ‘अब, इसलिए, सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (1958 के नम्बर 28) की धारा तीन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार घोषणा करती है कि उक्त पूरा राज्य उक्त अधिनियम के लिए 30 दिसंबर, 2019 से छह महीने की अवधि के लिए एक अशांत क्षेत्र होगा.

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गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि नगालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित रखने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि हत्याएं, लूट और उगाही राज्य के विभिन्न हिस्सों में जारी है. इसने वहां तैनात सुरक्षा बलों की सुविधा के लिए इस कदम को जरूरी बना दिया. गौरतलब है कि पूर्वोत्तर के साथ ही जम्मू कश्मीर से विभिन्न संगठनों की ओर से इस विवादास्पद कानून (अफस्पा) को निरस्त करने की मांग होती रही है। उनका कहना है कि यह सुरक्षा बलों को व्यापक अधिकार देता है.