आम आदमी पार्टी (AAP) से नाराज चल रहीं चांदनी चौकी (Chandani Chowk) से विधायक अलका लांबा (Alka Lamba) एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई हैं. इस बार उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) पर आरोप लगाया है कि उन्हें पार्टी विधायकों के व्हाट्सऐप ग्रुप (Whats app group) से एक बार फिर हटा दिया गया है. इस व्हाट्सऐप ग्रुप में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं. इस बात से वे खासी नाराज भी हैं.
अलका लांबा की पार्टी से टकराव काफी बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है और उन्होंने छोड़ने की घोषणा तक कर दी है. उन्होंने एक ट्वीट के जरिए संदेश दिया है कि 2020 में वे आम आदमी पार्टी छोड़ देंगी. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि 2013 में शुरू हुआ उनका आम आदमी पार्टी के साथ सफर 2020 में खत्म हो जाएगा. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक मजबूत विकल्प बनी रहेगी. अलका लांबा ने पार्टी के साथ अपने सफर को यादगार बताया है.
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AAP विधायक अलका लांबा ने यह भी कहा है कि उनकी शुभकामनाएं पार्टी के लिए काम करने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा बनी रहेंगी. कहीं न कहीं इस यह बात साफ है कि शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी लड़ाई अब बहुत आगे बढ़ चुकी है. वे आम आदमी पार्टी का साथ कभी भी छोड़ सकती हैं. इससे पहले भी पार्टी आलाकमान के साथ उनके अनबन की खबरें सामने आई हैं.
अलका लांबा ने दावा किया कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पांचवे कार्यकाल के लिये मिली जीत पर बधाई देने की वजह से उन्हें व्हाट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम आप नेतृत्व के लिये ठीक नहीं है. व्हाट्सऐप ग्रुप का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर साझा करते हुए उन्होंने केजरीवाल की निंदा की और पूछा कि आखिर उन्हें ही क्यों लोकसभा चुनावों में मिली पार्टी की हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
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इस स्क्रीनशॉट में यह साफ दिख रहा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली से आप के उम्मीदवार रहे दिलीप पांडे ने उन्हें हटाया है. दिलीप पांडे ने हालांकि इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया. केजरीवाल पर भड़कते हुए लांबा ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो बंद कमरे में तमाम फैसले लेते हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘गुस्सा मुझ पर कुछ यूं निकाला जा रहा है, अकेली मैं ही क्यों? मैं तो पहले दिन से ही यही सब कह रही थी जो आज हार के बाद आप (केजरीवाल) कह रहे हैं, कभी ग्रुप में जोड़ते हो, कभी निकालते हो. बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते, बात करते, गलतियों और कमियों पर चर्चा करते, सुधार करके आगे बढ़ते.’
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बता दें कि यह दूसरी बार है जब लांबा को ग्रुप से हटाया गया है. इससे पहले उन्हें पिछले साल दिसंबर में ग्रुप से हटाया गया था जब उन्होंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न सम्मान को रद्द करने के पार्टी के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी. हालांकि लोकसभा चुनाव प्रचार से पहले उन्हें ग्रुप में शामिल कर लिया गया था.
HIGHLIGHTS
- चांदनी चौक से विधायक अलका और आम आमदी पार्टी के बीच क्यों है टकराव
- कब तक पार्टी छोडेंगी अलका लांबा
- कितनी बार उन्हें व्हाट्सऐप ग्रुप से हटाया जा चुका है
Source : News Nation Bureau