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सर्दियों में हर दिन 15 हजार नए Corona मामलों के लिए दिल्ली रहे तैयार

अभी तक दिल्‍ली (Delhi) में एक दिन में 16 सितंबर को सबसे ज्‍यादा 4,473 मामले सामने आए थे. इसके मुताबिक सर्दियों में इससे करीब चार गुना केस रोज आएंगे.

Updated on: 09 Oct 2020, 01:46 PM

नई दिल्ली:

Covid-19 पर गठित की गई विशेषज्ञ समिति ने चेतावनी दी है कि सर्दियों के मौसम में कोरोना (Corona Virus) के रोज 15 हजार मामले देखने को मिल सकते हैं. अभी तक दिल्‍ली (Delhi) में एक दिन में 16 सितंबर को सबसे ज्‍यादा 4,473 मामले सामने आए थे. इसके मुताबिक सर्दियों में इससे करीब चार गुना केस रोज आएंगे. समिति की रिपोर्ट के मुताबिक ठंड के महीनों में सांस की परेशानियां बढ़ जाती हैं. इसके अलावा त्‍योहारों को भी संभावित आंकड़ों के पीछे एक बड़ी वजह बताया गया है.

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दिल्ली सरकार रहे तैयार
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समूह के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में दिल्ली सरकार से इसके लिए व्यवस्था करने की सिफारिश की गई है. एनसीडीसी ने अपनी 'कोविड-19 के नियंत्रण के लिए संशोधित रणनीति के संस्करण 3.0' में यह भी बताया कि दिल्ली में समग्र कोविड-19 मामले में मृत्यु दर 1.9 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 1.5 प्रतिशत से अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां तक संभव हो मृत्यु दर को कम करना महामारी के प्रबंधन के प्रमुख उद्देश्यों में से एक होना चाहिए.

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केरल और महाराष्‍ट्र की स्थिति दिल्‍ली में न हो
डॉ पॉल की अगुवाई वाले पैनल ने इसी मंगलवार को दिल्‍ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. त्‍योहारों के सीजन में पैनल ने बड़े समारोह करने से मना किया है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह देखा गया है कि केरल में ओणम और महाराष्‍ट्र में गणेश चतुर्थी के चलते महामारी गंभीर रूप से बढ़ी. दिल्‍ली में ऐसा नहीं होने देना चाहिए. मामले कम करने में हमने जो कुछ हासिल किया है, वह सब इन त्‍योहारों और बाजारों-मोहल्‍लों में भीड़ से चला जाएगा.' पैनल ने सुझाव दिया है कि त्‍योहार बेहद माइक्रो लेवल पर मनाए जाएं, परिवार के लोग ही शामिल हों.

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अगले तीन महीने के लिए पैनल ने दिए सुझाव
पैनल के मुताबिक अगले तीन महीने बेहद महत्‍वपूर्ण हैं. सुझाव दिया गया है कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर फोकस किया जाए. लक्षण वाले व्‍यक्तियों का आरटी-पीसीआर टेस्‍ट हो और लिमिटेड कॉन्‍टैक्‍ट ट्रेसिंग हो. टेस्टिंग को सर्विलांस के सहारे चलाने, क्रिटिकल केयर फैसिलिटीज बढ़ाने, फेस्टिव सीजन को देखते हुए जागरूकता अभियान चलाने और हेल्‍थकेयर वर्कर्स के बीच मौतों को रोकने का सुझाव पैनल ने लिया है.

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दिल्‍ली में मृत्‍यु-दर कैसे कम होगी?
दिल्‍ली में कोरोना से मृत्‍यु-दर 1.9% है जो कि राष्ट्रीय औसत (1.5%) से कहीं ज्‍यादा हैं. पैनल ने सुझाव दिया है कि सरकार का फोकस मृत्‍यु-दर घटाने पर होना चाहिए. दिल्‍ली में बुधवार तक 5,616 मरीजों की मौत हो चुकी थी. पैनल ने कहा कि मृत्‍यु-दर को लक्षणों की जल्‍द पहचान कर, वक्‍त से टेस्टिंग कर और युवाओं में कोविड से जुड़े व्‍यवहार को लेकर जागरूकता पैदा करने से कम किया जा सकता है. पैनल ने कोविड और नॉन-कोविड मौतों के रेगुलर डेथ ऑडिट का भी सुझाव दिया है.