राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा फिर जहरीली होने लगी है. दिन प्रतिदिन राजधानी में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. आज दिल्ली के कई इलाकों में खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के डाटा के अनुसार आईटीओ,पटपड़गंज,आरके पुरम और रोहिणी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खराब स्तर पर है. वायुमंडल में वायु प्रदूषकों के बढ़ने से वायु की गुणवत्ता बिगड़ने लगी है. दिल्ली के पड़ोसी शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ और गुरुग्राम में भी हवा की गुणवत्ता खराब आंकी गई है.
यह भी पढ़ें: PM Modi आज करेंगे संपत्ति कार्ड का वितरण
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के डाटा के अनुसार, आईटीओ में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 264 पर जा पहुंचा. तो पटपड़गंज में वायु गुणवत्ता सूचकांक 228 पर, आरके पुरम में 235 पर दर्ज किया गया है. इसके अलावा रोहिणी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 246 पर है. बताते चलें कि शून्य से 50 तक के वायु गुणवत्ता सूचकांक को 'अच्छा', 51 से 100 तक को 'संतोषजनक', 101 से 200 तक को 'सामान्य', 201 से 300 को 'खराब', 301 से 400 को 'बहुत खराब' और 401 से 500 तक को 'गंभीर' श्रेणी में रखा जाता है.
Delhi: Air Quality Index (AQI) stands at 264 in ITO, at 228 in Patparganj, at 235 in RK Puram & 246 in Rohini, all four in 'poor' category, according to Delhi Pollution Control Committee (DPCC) data. pic.twitter.com/6JzXJBZFxB
— ANI (@ANI) October 11, 2020
बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने से इंडिया गेट पर मॉर्निंग वॉक करने आए लोगों को काफी दिक्कत हो रही. एक व्यक्ति ने बताया, 'लॉकडाउन के समय प्रदूषण बिल्कुल नहीं था, लेकिन अब प्रदूषण काफी बढ़ रहा है तो हमें मास्क के साथ-साथ सांस लेने में और दिक्कत हो रही है.' अक्षरधाम इलाके के एक स्थानीय का कहना है, 'ऐसी खबरें थीं कि तालाबंदी के दौरान पंजाब से हिमालय दिखाई दे रहा था. अब हम पहले चरण में वापस आ गए हैं. हम सभी इसके लिए जिम्मेदार हैं.'
Air quality has started deteriorating in #Delhi with rise of pollutants in the atmosphere; visuals from Akshardham.
A local says, "There were reports that the Himalayas were visible from Punjab during lockdown. Now, we're back to earlier phase. We all are responsible for it." https://t.co/erMkD1u0k3 pic.twitter.com/EANYLPEp5H
— ANI (@ANI) October 11, 2020
यह भी पढ़ें: ओवैसी ने मोहन भागवत पर किया वार, कहा- हमें सेकेंड क्लास नागरिक बनाना चाहते हैं वो
उल्लेखनीय है कि पराली जलाने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में हर साल जाड़े के मौसम में प्रदूषण उच्च स्तर पर पहुंच जाता है. वहीं निचले वायुमंडल में ओस की बूंदें जब इस प्रदूषण के साथ मिल जाती है तो जहरीली हवा की एक मोटी चादर बिछ जाती है, जिससे शहर के लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसे में भू विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी ‘सफर’ ने बताया कि पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब के इलाके में शनिवार को पराली जलाने की 253 घटनाएं दर्ज की गई.
दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार की ओर से भी कोशिशें शुरू हो गई है. नई रिसर्च की मदद से दिल्ली में प्रदूषण को काबू करने के लिए नए उपायों पर विचार किया जा रहा है. श्रेणीवार प्रतिक्रिया कार्ययोजना के तहत 15 अक्टूबर से दिल्ली और पड़ोसी इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय लागू होने शुरू हो जाएंगे. पहली बार इसे दिल्ली-एनसीआर में वर्ष 2017 में लागू किया गया था. इनमें बस और मेट्रों की सेवा में बढ़ोतरी, पार्किंग शुल्क में वृद्धि और डीजल से चलने वाले जेनरेटर पर रोक के उपाय शामिल हैं.
यह भी पढ़ें: चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए C-17 ग्लोबमास्टर और चिनूक विमान लगा रहे हैं चक्कर, देखें Video
इसके अलावा आम आदमी पार्टी सरकार दिल्ली में केवल 'हरित' पटाखे खरीदने-बेचने की अनुमति देने को लेकर जल्द ही निर्देश जारी करेगी. कोर्ट ने 2018 में प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाकर प्रदूषण कम करने के लिए 'हरित' पटाखों की खरीद-फरोख्त की अनुमति दी थी. 'हरित पटाखे' परंपरागत पटाखों की तरह प्रदूषण नहीं फैलाते. इनमें सल्फर डाई ऑक्साइड तथा नाइट्रोजन ऑक्सीजन जैसे प्रदूषक कण लगभग 30 प्रतिशत कम होते हैं.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली में आज खराब वायु गुणवत्ता दर्ज
- आसपास के शहरों में खराब होने लगी हवा
- कंट्रोल करने के लिए सरकार की कोशिशें शुरू
Source : News Nation Bureau