दिल्ली वालों को फिलहाल प्रदूषण से छुटकारा मिलने के आसार नजर नहीं आ रहा है. दरअसल, जैसे मौसम ठंडा होता जाएगा ठीक वैसे-वैसे प्रदूषक कणों की मात्रा में भी बढ़ोत्तरी होने लगेगी. रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक एक बार फिर से 300 के अंक को पार कर के बेहद खराब की श्रेणी में पहुंच गया है. वहीं केंद्र द्वारा संचालित संस्था सफर के अनुसार, आने वाले दो दिनों में प्रदूषण बढ़ने की संभावना है.
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शनिवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 283 के अंक पर यानी खराब श्रेणी में था. लेकिन, रविवार को इसमें 38 अंकों का इजाफा हुआ. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक रविवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 321 के अंक पर रहा. इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है.
मानकों के मुताबिक, हवा में पीएम 10 कणों की मात्रा 100 और पीएम 2.5 कणों की मात्रा 60 होनी चाहिए. सफर का अनुमान है कि दिल्ली के मौसम में ठंड का अहसास बढ़ने के चलते प्रदूषक कण वातावरण के निचले स्तर में बने रह रहे हैं. जिसके वजह से प्रदूषण में इजाफा हो रहा है. वहीं अगले दो दिनों में भी मौसम और प्रदूषण का रुख कुछ ऐसा ही रहने का अनुमान है.
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'सफर' ने अनुमान लगाते हुए बताया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी गई है. बता दें कि 8 नवबंर को पराली जलाने की केवल 415 घटनाएं दर्ज की गई थी, जबकि 9 नवंबर को 1,882 घटनाएं दर्ज हुई. पराली के कारण भी दिल्ली में अगले दो दिन दिल्ली धुआं-धुआं हो सकता है. सफर ने ये भी अनुमान जताया है कि पराली के धुएं की वजह से दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 कणों की मात्रा में 18 फीसदी तक की बढ़ोतत्तरी हो सकती है.