दिल्ली में 45 वर्ष से अधिक उम्र और युवाओं के लिए पर्याप्त वैक्सीन
17 जून (आईएएनएस) दिल्ली में 45 वर्ष से अधिक उम्र की श्रेणी के लोगों और 18 से 44 वर्ष के युवाओं के लिए पर्याप्त वैक्सीन स्टॉक उपलब्ध है. 18 से 44 वर्ष के लिए 2.34 लाख वैक्सीन और 45 वर्ष से अधिक उम्र की श्रेणी के लिए 7.44 लाख वैक्सीन का स्टॉक उपलब्ध है.
नई दिल्ली:
17 जून (आईएएनएस) दिल्ली में 45 वर्ष से अधिक उम्र की श्रेणी के लोगों और 18 से 44 वर्ष के युवाओं के लिए पर्याप्त वैक्सीन स्टॉक उपलब्ध है. 18 से 44 वर्ष के लिए 2.34 लाख वैक्सीन और 45 वर्ष से अधिक उम्र की श्रेणी के लिए 7.44 लाख वैक्सीन का स्टॉक उपलब्ध है. दिल्ली में अभी तक 62,58,937 लोगों को वैक्सीन लगायी जा चुकी है. जिसमें से 15 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग गई हैं. दिल्ली में 16 जून को 54,715 लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई गई. जिसमें से 36,412 लोगों को पहली और 18,303 लोगों को दूसरी डोज लगाई गई.
दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में युवाओं का जबसे दोबारा वैक्सीनेशन शुरू हुआ है, तभी से युवा बड़ी संख्या में वैक्सीन लगवाने आ रहे हैं. दिल्ली सरकार ने गुरुवार को वैक्सीनेशन बुलेटिन जारी किया. दिल्ली सरकार के मुताबिक जितने ज्यादा लोग वैक्सीन की दोनों डोज लगवा लेते हैं वह उतना कोविड-19 से सुरक्षित होते हैं और उतना ही पूरी दिल्ली सुरक्षित होती है, क्योंकि कोरोना का संक्रमण फैलता नहीं है.
45 वर्ष से अधिक उम्र की श्रेणी के लिए 7.44 लाख वैक्सीन का स्टॉक उपलब्ध है. हमारे पास कोवैक्सीन का 7 दिन का और कोवीशील्ड का 42 दिन का स्टॉक उपलब्ध है. 18 से 44 वर्ष के लिए 2.34 लाख वैक्सीन का स्टॉक उपलब्ध है. इसमें 6 दिन का कोवैक्सीन और 10 दिन का कोवीशील्ड का स्टॉक उपलब्ध है.
दिल्ली सरकार ने कहा कि दिल्ली के पास वर्तमान में पर्याप्त वैक्सीन स्टॉक उपलब्ध है. दिल्ली में जबसे युवाओं का दोबारा वैक्सीनेशन शुरू हुआ है तभी से युवा कोविन ऐप पर पंजीकृत करके बड़ी संख्या में वैक्सीन लगवाने आ रहे हैं. उम्मीद है कि 45 वर्ष के लोग, जिन्होंने अभी तक अपने आप को वैक्सीनेट नहीं करवाया है, वह भी आगे आकर अपना वैक्सीनेशन जल्द करवाएंगे.
इसके पहले बुधवार को कर्मचारी एसोशिएशन को तरफ से अध्यक्ष वीएस तोमर, महासचिव उमेश बत्रा व सचिव संजय गुप्ता मौजूद रहे इस मामले में महासचिव उमेश बत्रा ने कहा की 50 से ज्यादा कर्मियों की इस माहमारी के दौरान कार्य करते हुए मृत्यु हुई है उनमे से कुछ सीधे तौर पर कोरोना की ड्यूटी कर रहे थे तो कुछ लगातार दफ्तरों में काम कर रहे थे जिससे कोरोना की इस लड़ाई में कोई बाधा नही आये ऐसे में इन तमाम कर्मियों को कोरोना योद्धा की तरह शहीद हुए लोगों की तरह सम्मान व इनके आश्रितों को नौकरी व मुआवजा राशि दी जाने चाहिए.
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