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दिल्लीः पटाखों पर प्रतिबंध का पालन नहीं करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाईः राय

विशेषज्ञों के मुताबिक, पराली जलाने के कारण दिवाली तक राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' की श्रेणी में पहुंचने की आशंका है. दिल्ली पुलिस और राजस्व विभाग को पाबंदी के पालन के लिहाज से गश्ती दलों का गठन करने का निर्देश दिया गया है.

Updated on: 09 Nov 2020, 10:55 PM

दिल्ली:

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि वायु (प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम के तहत पटाखों पर लागू प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस अधिनियम के तहत छह साल तक की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने पटाखों पर पाबंदी को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए.

इनमें दिल्ली पुलिस को पाबंदी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश भी दिया गया है. इसमें कहा गया, प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा वायु अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत मुकदमा भी चलाया जा सकता है. राय ने जिलाधिकारियों, दिल्ली पुलिस, पर्यावरण और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रतिबंध लागू किए जाने के मद्देनजर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर चर्चा की.

राय ने संवाददाताओं से कहा, 'चर्चा के मुताबिक, पुलिस वायु (प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम के तहत पटाखों पर लागू प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई कर सकती है.' मंत्री ने कहा, 'ऐसे अपराध में जुर्माना लगाए जाने और कम से कम डेढ़ साल से लेकर अधिकतम छह साल तक जेल की सजा का प्रावधान है.' उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के मुताबिक, पराली जलाने के कारण दिवाली तक राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' की श्रेणी में पहुंचने की आशंका है. दिल्ली पुलिस और राजस्व विभाग को पाबंदी के पालन के लिहाज से गश्ती दलों का गठन करने का निर्देश दिया गया है.

दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह पटाखों की बिक्री और जलाए जाने पर सात नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक पूर्ण प्रतिबंध लगाया था. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नौ नवंबर मध्यरात्रि से लेकर 30 नवंबर को आधी रात तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है. एनजीटी ने कहा कि पटाखे खुशियां मनाने के लिए हैं, न कि बीमारी और मृत्यु का उत्सव मनाने के लिए.