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सीएम केजरीवाल को ईडी का बैक टू बैक सातवां समन, AAP नेताओं ने दी तीखी प्रतिक्रिया

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी के ताजा समन पर AAP की प्रतिक्रिया सामने आई है. आम आदमी पार्टी ने कहा कि, प्रवर्तन निदेशालय का सीएम केजरीवाल को समन चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार की प्रतिक्रिया है.

Updated on: 22 Feb 2024, 03:36 PM

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दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी के ताजा समन पर AAP की प्रतिक्रिया सामने आई है. आम आदमी पार्टी ने कहा कि, प्रवर्तन निदेशालय का सीएम केजरीवाल को समन चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार की प्रतिक्रिया है. गौरतलब है कि, इस सप्ताह की शुरुआत में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया, जिसके कारण चंडीगढ़ में AAP के मेयर पद के उम्मीदवार की जीत हुई. बता दें कि, इससे पूर्व सीएम केजरीवाल पिछली छह पेशियों में शामिल नहीं हुए थे.

AAP नेता आतिशी ने कहा कि, ईडी द्वारा आज भेजा गया समन चंडीगढ़ में जो हुआ उसका बदला लेने का एक प्रयास है. उन्होंने कहा कि, जब से सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर अपना आदेश दिया है, हमें ईडी और सीबीआई द्वारा होने वाली गिरफ्तारियों और छापों के बारे में जानकारी मिल रही है. क्योंकि विपक्ष चंडीगढ़ में AAP की जीत और सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय लोकतंत्र को बरकरार रखने की कोशिश का बदला लेना चाहती है. 

वहीं इस मामले में AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, देश में हर कोई अब जानता है कि जैसे ही AAP कुछ करती है, ईडी तुरंत अरविंद केजरीवाल को समन भेजती है. अभी एक दिन पहले, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर केंद्र को आईना दिखाया और कल ईडी ने अरविंद केजरीवाल को ताजा समन जारी किया. इससे स्पष्ट है कि, ईडी AAP की हर कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देती है.

गौरतलब है कि, प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को ये सातवां समन जारी किया है. इससे पूर्व सीएम केजरीवाल पिछली छह पेशियों में शामिल नहीं हुए थे.

इस सप्ताह की शुरुआत में AAP ने कहा था कि, एजेंसी को केजरीवाल के खिलाफ समन जारी न करने की शिकायत पर अदालत के फैसले के बाद समन भेजना चाहिए था. 

ज्ञात हो कि, सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा रद्द किए गए 8 वोटों को वैध करार दिया और दोबारा गिनती के आदेश दिए. इसने वैध वोटों को विकृत करने के लिए मसीह पर मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया. इन आठ वोटों के रद्द होने से बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर की जीत का रास्ता साफ हो गया था, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कुछ घंटे पहले इस्तीफा दे दिया था.