आम आदमी पार्टी (आप) की पूर्व नेता अलका लांबा को दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने गुरुवार को दल-बदल के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया. इस महीने की शुरुआत में लांबा के कांग्रेस में शामिल होने के बाद आप विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका के बाद यह फैसला लिया गया और विधानसभा ने लांबा को दलबदल के आधार पर अयोग्य ठहराया.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चांदनी चौक से दिल्ली विधानसभा की निर्वाचित सदस्य लांबा को अयोग्य घोषित कर दिया गया है. आदेश में कहा गया, 'चांदनी चौक विधानसभा सीट खाली हो गई है.'
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इससे पहले चार अन्य विधायकों को भी इसी तरह से अयोग्य ठहराया जा चुका है. लांबा ने कहा, 'आप के साथ मेरी यात्रा अब समाप्त हो गई है. जिन्होंने इस यात्रा में मेरी मदद की, उनका मैं धन्यवाद करतती हूं. मैं अपने लोगों के साथ मिलकर लड़ाई जारी रखूंगी.'
उन्होंने कहा, 'आप में एक आदमी की तानाशाही के कारण लोकतंत्र समाप्त हो चुका है.'
लांबा ने 6 सितंबर को अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप को छोड़ने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान किया था.
लांबा का पार्टी के साथ कई मुद्दों पर मतभेद था. भारद्वाज की याचिका पर आप को चार अन्य विधायकों को भी सदन में अयोग्य घोषित किया जा चुका है.
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इनमें अनिल कुमार बाजपेयी, कर्नल देवेंद्र सहरावत और कपिल मिश्रा को भाजपा के साथ जुड़ाव के कारण अयोग्य घोषित किया गया, जबकि संदीप कुमार को बसपा के साथ संबंधों के आरोप में अयोग्य घोषित किया गया.
केजरीवाल सरकार का कार्यकाल फरवरी, 2020 में खत्म हो रहा है। फरवरी में ही अगला चुनाव होने की संभावना है.