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saurabh bhardwaj Photograph: (social media)
पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, अक्सर ऐसा देखा जाता है कि ग्राम पंचायत के चुनाव में या नगर निगम के चुनाव में कोई सीट महिलाओं के लिए रिजर्व की गई और उस सीट पर जो व्यक्ति तैयारी कर रहा था, उसने अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाया और वह जीत गई. ऐसे हालात में महिला ग्राम प्रधान या निगम पार्षद का पति क्षेत्र के कार्यों को संभालता है. क्षेत्रीय मामलों में सोच विचार करता है और निर्णय लेता है और उस पद पर आसीन महिला प्रधान या निगम पार्षद दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने का काम करती है.
The Aam Aadmi Party should find something more substantive to target Delhi Chief Minister Rekha Gupta. She was holding a review meeting of her constituency, which is managed by her husband—just as Smt. Sheila Dikshit’s constituency was managed by her sister Rama Dhawan, and… https://t.co/pXp5ctck8e
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 8, 2025
निशाना साधने के लिए कुछ और ठोस तरीका ढूंढ़ना चाहिए: अमित मालवीय
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ग्राम पंचायत या नगर निगम के स्तर तक यह बात समझ आती है. मगर दिल्ली सरकार के स्तर पर दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के साथ उनके पति मीटिंग में बैठकर सीएम के साथ सरकारी अधिकारियों की बैठक ले रहे हैं, यह समझ से बिल्कुल परे है. इस मामले में भाजपा के अमित मालवीय ने पलटवार करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर निशाना साधने के लिए कुछ और ठोस तरीका ढूंढ़ना चाहिए. वह अपने निर्वाचन क्षेत्र की समीक्षा बैठक कर रही थीं, जिसका प्रबंधन उनके पति करते हैं-ठीक वैसे ही जैसे कभी पूर्व सीएम शीला दीक्षित के निर्वाचन क्षेत्र का प्रबंधन उनकी बहन रमा धवन करती थीं.
फाइल में दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया
भाजपा के अमित मालवीय ने कहा, सुनीता केजरीवाल अरविंद केजरीवाल के निर्वाचन क्षेत्र की देखभाल करती थीं. हालांकि, सुनीता केजरीवाल के विपरीत, सीएम के पति उनकी कुर्सी पर नहीं बैठे थे या ऐसे गैरकानूनी आदेश जारी नहीं कर रहे थे. उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों को "मुख्यमंत्री महोदया के निर्देश" के रूप में फाइल में दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया हो.
इस पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब यह मामला मीडिया में उठा तो पार्टी की ओर से सफाई दी गई कि कहीं कोई एक बैठक थी और उसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति बस यूं ही बैठे हुए थे. मीडिया के साथियों को प्रेस वार्ता के दौरान कुछ वीडियो दिखाते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इन वीडियो में देखा जा सकता है कि केवल एक बैठक में संयोगवश मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति जाकर नहीं बैठ गए थे, बल्कि एक सोची समझी रणनीति के तहत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति की अथॉरिटी को सरकारी अधिकारियों के बीच स्थापित किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कारभार उनके पति संभाल रहे हैं.