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निलंबन के बाद AAP नेता की पहली प्रतक्रिया, नमस्कार मैं सस्पेंडेड सांसद राघव चड्ढा...

राज्यसभा में आप सासंद राघव चड्डा को निलंबित कर दिया गया है. विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक वह निलंबित रहेंगे. फर्जी सिग्नेचर मामले को लेकर उनपर यह कार्रवाई की गई है.

Updated on: 11 Aug 2023, 09:07 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित हो गए हैं. निलंबन के बाद राघव चड्ढा ने पहली प्रतिक्रिया दी. राघव ने एक वीडियो जारी करते हुए सवाल किया है कि मेरा अपराध क्या है, जिस वजह से मुझे सस्पेंड किया गया? राघव ने ट्वीट कर  कहा, 'नमस्कार! मैं सस्पेंडेड सांसद राघव चड्ढा.. मुझे राज्यसभा से आज सस्पेंड कर दिया गया. मैं जानना चाहता हूं कि मेरा क्या अपराध है. क्या मेरा ये अपराध है कि, मैंने दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के नेताओं से पार्लियामेंट में खड़े होकर सवाल पूछ लिया?' 

राघव ने आगे कहा कि, 'क्या मेरा ये अपराध है कि, मैंने दिल्ली सेवा बिल पर अपनी बात रखते हुए बीजेपी के सबसे बड़े नेताओं से न्याय की मांग की? उन्हें उन्हीं का पुराना घोषणा पत्र दिखाकर वादे पूरा करने को कहा? बीजेपी को आईना दिखाया और आज की बीजेपी को आडवाणीवादी और बाजपेयीवादी होने की बात कही. क्या इन्हें ये डर सताता है कि कैसे एक 34 साल युवा संसद में खड़ा होकर हमें ललकारता है.'

मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं- राघव चड्ढा

निलंबन के बाद राघव चड्ढा ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग बहुत शक्तिशाली हैं. ये किसी भी लेवल तक जा सकते हैं. एक ही हफ्ते में मेरे पास प्रिविलेज कमेटी से दो नोटिस भी आ चुके हैं, लेकिन मैं किसी भी चुनौती से डरने वाला नहीं हूं. मैं डटकर मुकाबला करूंगा. मैं चुप नहीं रहूंगा. मैं न्याय, सच्चाई और लोगों के अधिकारों के लिए खड़ा रहूंगा. यह निलंबन सही के लिए लड़ने, सत्ता के हेरफेर को उजागर करने और मुझ पर भरोसा करने वाले लोगों की आवाज को मजबूत करने के मेरे संकल्प को मजबूत करता है. देश, विशेषकर युवा, भाजपा की चालबाज़ी को स्पष्ट रूप से समझ रहे हैं. यह निलंबन महज़ एक अस्थायी झटका है. मैं भारत के लोकतंत्र को बचाने के अपने प्रयासों को अधिक मजबूत और दृढ़ करके लौटूंगा.

मैं भाजपा को चुनौती देता हूं

कुछ भाजपा सांसदों और उनके प्रचार तंत्र ने बिना किसी सबूत के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए मुझ पर झूठा आरोप लगाया है. इससे पता चलता है कि पूरा विवाद मुझे राज्यसभा से निलंबित करने और मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए रचा गया था. मैं दोहराता हूं कि गलत हस्ताक्षर के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. किसी भी जालसाजी या नकली हस्ताक्षर का कोई उल्लेख नहीं किया गया है. यह बिल्कुल साफ है कि सेलेक्ट कमेटी के लिए सांसदों के नाम सुझाने के लिए उनके हस्ताक्षर या लिखित सहमति की आवश्यकता नहीं है. जैसा कि मैंने बार-बार उल्लेख किया है. यह महज एक प्रस्ताव है, जिसमें कुछ सांसदों के नाम प्रस्तावित हैं. यदि कोई अपना नाम वापस लेना चाहता है तो वह वापस ले सकता है. पीयूष गोयल के निलंबन प्रस्ताव में या विशेषाधिकार समिति की ओर से दिए गए नोटिस में कहीं भी धोखाधड़ी, जालसाजी, नकली या  फर्जीवाड़ा शब्दों का उल्लेख नहीं किया गया है. यहां तक कि हस्ताक्षर शब्द का भी उल्लेख नहीं किया गया है. इसमें दूर-दूर तक इस आशय का कोई आरोप नहीं लगाया गया है.

फर्जी सिग्नेचर मामले में आप नेता राघव चड्ढा पर कार्रवाई

गौरतलब है कि फर्जी सिग्नेचर मामले में आप नेता राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित किया गया है. दरअसल, बीजेपी आप सांसद राघव चड्ढा पर दिल्ली सेवा बिल के लिए प्रस्ताव में फर्जी साइन का आरोप लगा रही है, जिसमें बीजेपी के सांसद भी शामिल हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने पूरे मामले को लेकर बीजेपी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है.