राष्ट्रीय राजधानी में झुग्गी बस्तियों और घरों को ढहाने के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने एक बड़े आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने घोषणा की है कि इस 'बुलडोजर कार्रवाई' के विरोध में 29 जून को जंतर-मंतर पर एक विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा. इस दौरान, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो सकते है.
घरों को बचाने के लिए घर-घर अभियान
आप की योजना केवल जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन तक सीमित नहीं है. पार्टी एक व्यापक जमीनी अभियान भी चलाएगी, जिसके तहत झुग्गियों और झुग्गी बस्तियों में घर-घर जाकर लोगों से संपर्क साधा जाएगा. इस अभियान का मुख्य ध्यान उन निवासियों पर होगा जिनके घर पहले ही ध्वस्त किए जा चुके हैं, लेकिन उन झुग्गी बस्तियों में भी आक्रामक रूप से अभियान चलाया जाएगा जिन पर अभी तक बुलडोजर नहीं चला है.
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज के मुताबिक "पार्टी का लक्ष्य 15 दिवसीय आउटरीच अभियान के माध्यम से झुग्गी निवासियों को यह समझाना है कि “भाजपा सभी झुग्गियों को ध्वस्त कर देगी और इन जमीनों को निजी बिल्डरों को सौंप देगी.”
'आप' का आरोप: मतदाताओं को हटाने की साजिश
आप सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व का मानना है कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर, भाजपा सरकार असल में "मतदाताओं को हटाने का काम कर रही है - आप के मतदाताओं को हटा रही है." आप नेताओं का आरोप है कि दिल्ली को "सुंदर बनाने" के बहाने झुग्गियों को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त किया जा रहा है और इन कीमती जमीनों को निजी बिल्डरों के हवाले करने की तैयारी है.
पार्टी इन्हीं गंभीर मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए झुग्गी बस्तियों में अपना अभियान तेज करेगी. इस आंदोलन को दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली आबादी के अधिकारों के लिए एक निर्णायक लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है. अहम ये है 29 जून का जंतर-मंतर पर होने वाला प्रदर्शन इस व्यापक आंदोलन की एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा या नहीं.