AAP ने LG पर लगाए आरोप, कहा- आर्डिनेंस लाकर SC के फैसले को पलटने की तैयारी
दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के जरिए एलजी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी एलजी मानने को तैयार नहीं हैं.
highlights
- अभी तक सचिव बदलने की फाइल को मंजूरी नहीं दी: AAP
- कहा, केंद्र जल्द इसके खिलाफ आर्डिनेंस ला सकता है
- एलजी से मिलने जाएंगे और उनसे निवेदन करेंगे: सौरभ
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के जरिए एलजी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी एलजी मानने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने अभी तक सचिव बदलने की फाइल को मंजूरी नहीं दी है. उन्होंने कहा कि जब कोर्ट ने दिल्ली सरकार को यह शक्ति सौंप दी है तो एलजी ने अब तक फाइल को मंजूरी क्यों नहीं दी है. उन्होंने कहा कि सूत्रों के हवाले से ऐसी भी खबरे आ रही हैं कि केंद्र जल्द इसके खिलाफ आर्डिनेंस ला सकता है. ऐसे में अभी सभी कामों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. क्या ये जनता के साथ धोखा नहीं है. क्या यह केंद्र और एलजी की साजिश नहीं है? सौरभ ने कहा, मैंने आपने मंत्रीमंडल के साथ फैसला किया कि सभी एलजी से मिलने जाएंगे और उनसे निवेदन करेंगे कि इस फैसले को जल्द से जल्द लागू किया जाए.
दिल्ली सरकार की पूरी कैबिनेट LG हाउस आई है.
— Atishi (@AtishiAAP) May 19, 2023
सर्विसेज़ सेक्रेटरी बदलने की फाइल दबाकर LG साहब सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ काम कर रहे है. अब अफ़वाह ये है कि आर्डिनेंस के ज़रिये कोर्ट के ऑर्डर को पलटने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. pic.twitter.com/dv0DRYLGj0
गौरतलब है कि सौरभ भारद्वाज ने एलजी को पत्र लिखकर सचिव बदलने की फाइल को मंजूरी देने की अपील की थी. उन्होंने कहा कि हमने दो दिन पहले आपके सेक्रेटरी सचिव को बदलने की फाइल आपको भेजी थी. जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि प्रशासन में किसी तरह के फेरबदल का अधिकार चुनी हुई सरकार के पास होगा. ऐसे में सचिव बदलने की फाइल को तुरंत मंजूरी दी जाए. इस कारण कई काम रुके हुए हैं.
क्या हैं आदेश
दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा था कि दिल्ली और केंद्र सरकार की शक्तियां अलग हैं. केंद्र के पास जमीन और कानून के मामले हैं. वहीं विधानसभा के पास कानून बनाने का अधिकार है. दिल्ली सरकार के पास अन्य राज्यों की तुलना में कम अधिकार हैं. अब अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण जरूरी है. यह शक्ति दिल्ली के पास रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस भूषण के पुराने निर्णय पर असहमति जताई थी. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि एनसीटीडी एक पूर्ण राज्य नहीं है, इसे फिर भी सूची 2 और 3 के तहत कानून बनाने का अधिकार है.
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