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मनीष सिसोदिया पर दर्ज फीडबैक यूनिट केस तथ्यों पर नहीं पूरी तरह से कल्पना पर आधारित: राघव चड्ढा

आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की 'फीडबैक यूनिट' के नाम पर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज करने की पोल खोल दी. इसके साथ ही देश की सुरक्षा एजेंसियों और केंद्र सरकार की काबिलियत पर सवाल खड़े किए हैं.

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Deepak Pandey
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Raghav Chadha

आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा( Photo Credit : File Photo)

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आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की 'फीडबैक यूनिट' के नाम पर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज करने की पोल खोल दी. इसके साथ ही देश की सुरक्षा एजेंसियों और केंद्र सरकार की काबिलियत पर सवाल खड़े किए हैं. आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली की फीडबैक यूनिट की आड़ में मनीष सिसोदिया पर दर्ज मुकदमा तथ्यों पर नहीं बल्कि पूरी तरह से कल्पना पर आधारित है. एक डिप्टी सीएम आठ साल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं की जासूसी करता रहा और जांच एजेंसियों को मालूम तक नहीं चला? ऐसे में इनके अफसरों को निलंबित करो. जब केंद्र की जांच एजेंसियां पीएम मोदी की जासूसी को पकड़ नहीं पाईं तो पाकिस्तान और चीन से क्या लड़ पाएंगी. चीन और पाकिस्तान से मुकाबले के बजाए सुरक्षा एजेंसियों का फोकस बस AAP को रोकने पर है.

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि सिसोदिया पर फीडबैक यूनिट की आड़ में एक और फर्जी केस दर्ज किया गया है. मनीष सिसोदिया पर जासूसी कराने का आरोप लगा है, इसलिए उन पर सीबीआई का एक नया केस दर्ज हो गया. मैं पूछना चाहता हूं कि एक आधी स्टेट का एक आधा डिप्टी सीएम कैसे जासूसी करा सकता है. अगर ऐसा होता तो सबसे बड़ा सवाल केंद्र और जांच एजेंसियों की काबिलियत पर सवाल खड़ा होता है. 

उन्होंने आगे कहा कि भारत की सरजमीं पर चीन कब्जा करने का प्रयास करता है, पाक अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है, लेकिन हमारी एजेंसियां सिसोदिया को जेल में डालती हैं. दिल्ली में बैठा कोई शख्स, जिसके पास न एंटी करप्शन ब्यूरो, न विजिलेंस विभाग, ना पुलिस और ना ही कोई शाखा है, वो भला कैसे किसी की जासूसी करा सकता है. वहीं, तथाकथित एक्सरसाइज घोटाले में जांच एजेंसियों के पास न कोई सबूत हैं, न गवाह और न ही सिसोदिया से पूछने के लिए कोई सवाल है. वहीं, एजेंसी के अधिकारी प्रतिदिन चार सवाल बदल-बदल कर पूछते हैं. जांच की आड़ में सिर्फ सिसोदिया को जेल में रखा है, ताकि वह बाहर निकल पाए. 

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उन्होंने कहा कि सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया पर फीडबैक यूनिट की आड़ में दर्ज की गई एफआईआर तथ्यों पर बेस्ड नहीं है, बल्कि फिक्शन पर बेस्ड है. एक केस में जमानत मिले तो दूसरा केस कर दो. दूसरे केस में जमानत मिले तो तीसरा केस कर लो. केस दर्ज करके ये चीज सुनिश्चित करो कि केजरीवाल का दाहिना हाथ सिसोदिया जेल से बाहर ना आ पाएं.

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