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delhi election
हरियाणा चुनाव में भाजपा तीसरी बार सत्ता संभालने जा रही है. उसने कांग्रेस के मुंह से जीत छीन ली है. हरियाणा में भाजपा 49 सीटों पर जीत दर्ज करके एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है. वहीं कांग्रेस 36 सीटों पर ही सिमट गई. आम आदमी पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका है. आपको बात दें कि चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन होना था, मगर वह हो नहीं सका. इस पर आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ का कहना है कि हम दिल्ली विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने वाले हैं. उन्होंने कहा कि एक ओर अति आत्मविश्वास वाली कांग्रेस और दूसरे ओर अहंकारी भाजपा है.
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कक्कड़ के अनुसार, आप (AAP) दिल्ली में अपने 10 वर्ष के शासनकाल के बीच किए गए काम का हवाला देकर जनता से वोट मांगेगी. अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में पार्टी चुनाव में खड़ी होगी. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस को अति आत्मविश्वासी बताया और भाजपा को अहंकारी पार्टी बताया.
नुकसान दोनों को उठाना पड़ा
चुनाव नतीजों के अगले दिन आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता का कहना है कि पार्टी दिल्ली में गठबंधन को लेकर किसी तरह की गुंजाइश नहीं रखना चाहती. हरियाणा के चुनाव में आप (AAP) चाहती थी कि गठबंधन हो जाए, मगर ऐसा हो नहीं सका. दोनों दलों ने अलग-अलग होकर चुनाव लड़ा. इसका नुकसान दोनों को उठाना पड़ा. एक ओर जहां कांग्रेस राज्य में बहुमत से दूर हो गई. वहीं आप राज्य में खाता खोलने भी असफल रही.
#WATCH | Delhi | AAP's National Spokesperson Priyanka Kakkar says, "We will contest Delhi (assembly) elections alone. On one side it's the overconfident Congress and on the other side, it's the arrogant BJP. We will contest the election based on what we have done in Delhi in the… pic.twitter.com/p3vXcox1ZO
— ANI (@ANI) October 9, 2024
चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत हो रही थी. मगर बात नहीं बन सकी. आप की डिमांड थी कि राज्य में 10 सीटों पर उसे चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए. मगर कांग्रेस इस पर सहमत नहीं थी. कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने गठबंधन से इनकार कर दिया.
इस्तीफा देकर पूरी तरह से पार्टी को वक्त दे रहे हैं केजरीवाल
अब राजधानी में अगले साल यानि 2025 के फरवरी में चुनाव होने हैं. यहां पर बीते दस सालों से आप की सरकार है. कथित शराब घोटाले में जेल गए पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत सभी बड़े नेता जमानत पर बाहर आ चुके हैं. केजरीवाल सीएम के पद से इस्तीफा देकर पूरी तरह से पार्टी को वक्त दे रहे हैं. ऐसे में पार्टी को यह उम्मीद है कि आने वाले चुनाव में बिना गठबंधन वह जीत सकती है. हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने गठबंधन करने से मना कर दिया. इससे पार्टी काफी नाराज है.