राजधानी दिल्ली में इस साल चिकनगुनिया के 60 मामले सामने अब तक सामने आ चुके हैं। 60 में से 30 मामले इसी महीने दर्ज किए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि वेक्टरजनित बीमारियों का सीजन दिसंबर में ही खत्म हो गया है लेकिन मार्च तक चिकनगुनिया से पीड़ितों की शिकायत चिंता का विषय है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने तीनों निगमों की तरफ से जो आंकड़े जारी किए हैं उसके मुताबिक इस साल 18 मार्च तक सामने आये चिकनगुनिया के 60 मामलों में से 27 इसी महीने दर्ज किए गए हैं। जनवरी में 20 मामले और फरवरी के महीने में 13 मामले दर्ज हुए थे।
चिकनगुनिया है क्या?
चिकनगुनिया वायरल बुखार जैसा है और यह जानलेवा नहीं होती। लेकिन सावधानी न बरती जाए तो जानलेवा भी हो सकती है। इससे बच्चे और बूढ़े लोगों को खतरा ज्यादा होता है। यह बुखार मादा एडिस मच्छर के काटने से होता है। इसके लक्षण डेंगू जैसे ही होते हैं।
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चिकनगुनिया के लक्षण
शोधकर्ता बताते हैं कि जीका और डेंगू फैलाने वाले मच्छर ही चिकनगुनिया के लिए जिम्मेदार होते हैं। WHO के मुताबिक, मच्छर काटने के 3 से 7 दिन के अंदर इसका लक्षण दिखाई देता है। अचानक बुखार आ जाता है। जोड़ों में दर्द महसूस होता है। सिर और मांसपेशियों में दर्द होना, थकान महसूस करना, स्किन पर रैशेज पड़ना जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
क्या है इलाज
बॉडी में ऊपर लिखे लक्षण दिखाई देते ही तुरंत ब्लड टेस्ट कराएं। घर में पानी इकट्ठा हो रहा है तो उस जगह की सफाई कराएं। ऐसी जगह पर न जाएं, जहां मच्छर हों। पानी ज्यादा पिएं। ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
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Source : News Nation Bureau
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