रिपोर्ट - हरीश झा
नई दिल्ली में अब एम्स अस्पताल में मरीजों के लिए सुविधाएं और बेहतर होने वाली हैं. यहां स्टेट ऑफ द आर्ट पांच ऑपरेशन थिएटर बनकर तैयार हो गए हैं. ये सभी ऑपरेशन थिएटर हाई टेक्नोलॉजी से लैस होंगे और एक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर की तरह काम करेंगे. अभी एम्स के ट्रॉमा सेंटर में हर महीने लगभग 1200 से 1500 ऑपरेशन किए जा रहे थे. अब मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बनने के बाद 2000 से अधिक ऑपरेशन किए जा सकेंगे.
आज दिल्ली एम्स के ट्रॉमा सेंटर में 5 अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर का उद्घाटन किया गया है. वहीं ट्रामा सेंटर में हाल के कुछ सालों में लगभग 100 नए बेड्स जोड़े हैं. इसके साथ ही इमरजेंसी सेवाओं का भी विस्तार किया गया है. 5 अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर के शुरुआत होने के साथ अब जेपीएनएटीसी ( JPNATC ) में कुल ओटी संख्या अब 11 हो चुकी हैं.
अब मरीजों को इन नए ऑपरेशन थिएटर में कई सुविधाएं भी दी जाएंगी -
- ऑपरेशन थिएटर का क्षेत्रफल 58-72 वर्ग मीटर है, इसलिए प्रत्येक ओटी में मल्टीस्पेशलिटी सुविधाएं भी मिल सकेंगी.
- इस ओटी में ऑर्गन रेट्रीवल के मामले आसानी से किए जा सकेंगे.
- ओटी में से एक 72 वर्ग मीटर का है, जो रेडियोसुरक्षित है और इसमें ओ-आर्म इंट्रा ऑप सीटी रखा जा सकता है.
- छात्रों को विश्व स्तरीय ट्रेनिंग को बढ़ावा देने के लिए सर्जरी को डेमो रूम लेक्चर थिएटर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.
- ओटी में संक्रमण को कम करने के लिए इसमें लैमिनर फ्लो एसी सिस्टम की सुविधा भी दी गई हैं.
- अस्पताल के स्टॉफ के लिए चेंज रूम की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी.
अगले एक साल में बन सकता है हाइब्रिड ओटी
हाइब्रिड ओटी (Hybrid OT) बनाने के लिए भी प्रक्रिया चल जारी है. एक साल के अंदर हाइब्रिड ओटी बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं. इसमें हादसा पीड़ितों की सर्जरी के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर एंजियोग्राफी, सीटी स्कैन इत्यादि हो सकेगी.
ट्रामा सेंटर की प्रोफेसर डॉ. सुषमा सागर ने बताया कि ये ओटी फ्लोर फ्री है. सामान्य ओटी में उपकरण फर्श पर रखे रहते हैं. इसमें ज्यादातर उपकरण ऊपर की तरफ से लटके हुए हैं. इसमें हेफा फिल्टर सहित कई ऐसे उपकरण लगे हैं, जिससे संक्रमण ना के बराबर फैलता है.
ओटी के अंदर तापमान व आद्रता को कंट्रोल करने के लिए पैनल लगाया गया है. इसके अलावा म्यूजिक सिस्टम भी मौजूद है ताकि ओटी का माहौल तनाव से मुक्त रहे. खुशी की बात तो ये है कि इन दिनों रीढ़ की चोट सहित कई तरह की सर्जरी मरीज को पूरा बेहोश किए बिना संगीत सुनते हुए होने लगी है.