दिल्ली में हर मानसून के साथ आने वाली जलभराव की परेशानी को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार ने इस बार पूरी ताकत झोंक दी है. सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने आज शास्त्री नगर स्थित Irrigation & Flood Control (I&FC) विभाग के अत्याधुनिक कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया और तैयारियों की समीक्षा की. मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक कर दिल्ली के नालों की सफाई, यमुना के जलस्तर की निगरानी और संभावित बाढ़ से निपटने की रणनीतियों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने केवल योजनाओं तक सीमित न रहकर ज़मीनी स्तर पर मजबूत कार्रवाई की है.
मंत्री ने बताया कि I&FC कंट्रोल रूम दिल्ली के 77 प्रमुख नालों और यमुना नदी के जलस्तर की 24 घंटे निगरानी करता है. यहां से लगातार यह देखा जाता है कि बारिश के समय जलप्रवाह की स्थिति क्या है, कहां से कितना पानी छोड़ा जा रहा है और कौन से क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं.
उन्होंने बताया कि जैसे ही जलस्तर बढ़ता है, इसी कंट्रोल रूम से चेतावनी जारी की जाती है और प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का निर्देश दिया जाता है. 15 जून से मानसून के शुरू होते ही, पुलिस, एसडीएम, और अन्य विभागों के अधिकारी यहीं से समन्वय स्थापित करेंगे.
दिल्ली के 76 बड़े नालों में से 90% की सफाई पूरी
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि दिल्ली के 76 बड़े नालों में से 90% की सफाई पूरी हो चुकी है और बाकी का काम अंतिम चरण में है. आधुनिक मशीनरी और GPS आधारित ट्रैकिंग सिस्टम की मदद से सफाई की प्रगति पर नजर रखी जा रही है. साथ ही ग्राउंड रिपोर्टिंग के ज़रिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कहीं कोई अवरोध न रह जाए जिससे जलभराव की आशंका हो.
मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर नाले की सफाई की रिपोर्ट कंट्रोल रूम में प्रतिदिन अपडेट की जाए. उन्होंने कंट्रोल रूम में स्थापित मॉनिटरिंग सिस्टम, अलर्ट टेक्नोलॉजी और आपातकालीन समन्वय तंत्र का भी गहन निरीक्षण किया.
हमने सिस्टम को जमीनी स्तर पर मजबूत किया
मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि “इस बार हमारी तैयारियां सिर्फ दिखावे के लिए नहीं हैं. हमने सिस्टम को जमीनी स्तर पर मजबूत किया है. जनता को इस बार साफ़ फर्क नज़र आएगा. हमारा लक्ष्य सिर्फ पानी निकालना नहीं, बल्कि लोगों को विश्वास देना है कि अब हर साल जलभराव की परेशानी नहीं होगी.”
उन्होंने यह भी बताया कि कंट्रोल रूम को 24x7 सक्रिय रखने का फैसला लिया गया है और रियल-टाइम मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है ताकि बारिश के समय किसी भी आपात स्थिति से त्वरित और प्रभावी रूप से निपटा जा सके.