दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाले सुनार दंपति को कारीगरों पर विश्वास करना महंगा पड़ गया. 20 साल में जीते विश्वास को कारीगरों ने चंद लम्हों में खो दिया और करीब 1 करोड़ 80 लाख का सोना लेकर भाग गए. इस सिलसिले में पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. गायब किए गए सोने का अनुमानित वजन 5 किलोग्राम बताया जाता है. घटना के बारे में पीड़ित दंपति ने पुलिस को जानकारी दी. पीड़ित दंपति का नाम तिलकराज और रीता लूथरा है. लूथरा दंपति मध्य दिल्ली जिले के रैगरपुरा (करोलबाग) इलाके में रहने वाले कारीगरों से सोने के जेवरात करीब 20 साल से बनवा रहे थे. सुनार दंपति का सोने के जेवरात का रोहणी इलाके में कारोबार है.
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घटनाक्रम के मुताबिक, हर बार की तरह लूथरा दंपति ने करीब पांच किलो सोना जेवरात बनाने के लिए चारों पुराने कारीगरों को सौंपा था. 27 अक्टूबर यानी दिवाली वाले दिन ये जेवरात दंपति को मिलने थे. लूथरा दंपति एक और व्यापारी अर्पित गुप्ता के साथ जब जेवर लेने गया तो चारों कारीगर मौके से गायब थे और सबके मोबाइल भी बंद मिले. फरार हुए कारीगरों के रिश्तेदारों ने भी कोई खास जानकारी नहीं दी. कुछ रिश्तेदार तो घरों से ही गायब मिले. अंतत: परेशान होकर इस मामले में बुधवार को पीड़ितों ने करोलबाग पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है.
जब देश दिवाली (Diwali) का जश्न मना रहा था, उसी वक्त एक सिरफिरा चालक कार के बोनट पर दिल्ली पुलिस के एक हवलदार को लगभग डेढ़ किलोमीटर तक दौड़ाता रहा. घटना से पीड़ित हवलदार इस कदर सहम गया कि उसने केस भी अगले दिन दर्ज कराया. घटना दिल्ली के समयपुर बादली इलाके की है. सूत्रों के मुताबिक, घटना वाली रात हवलदार प्रवीण साथी सिपाही सुभाष, चेतराम और राज कुमार के साथ मुकरबा चौक पर ड्यूटी कर रहा था. उसी समय काले शीशे की स्विफ्ट कार देखकर उसे उन्होंने रुकने का इशारा किया. कार चालक ने जैसे ही गति कम की सिपाही सुभाष कार का दरवाजा खोलने लगा. इसी बीच कार चालक ने गति बढ़ा दी. सामने खड़ा हवलदार प्रवीण खुद की जान बचाने के लिए कार के बोनट पर जा पहुंचा. दरअसल, खुद को पुलिस वालों से घिरा देखकर कार चालक ने स्पीड बढ़ा दी थी. उसके बाद तेज रफ्तार कार पर हो रहे तमाशे को जिस किसी ने देखा, उसी ने दातों तले उंगली दबा ली.